बात शिवपुरी की, श्रीमंत सिंधिया को मिलेगा टिकिट
राजनीति के शिखर पर मोजूद खेल मंत्री का टिकिट कोई काटेगा ये महज मजाक लगता हैं क्योंकि सिंधिया परिवार को दिल्ली में तब्बजो की मिसाल दो दिन पहले जारी हुई सूची हैं जिसमें द ग्रेट श्रीमंत सिंधिया के सभी लाडले प्रदुम्न, तुलसी, गोविंद सिंह आदि को टिकिट दे दिए गए जबकि कुछ पहले उड़ान भर चुके तो आखिर उनकी बुआ का टिकिट कटेगा ? शायद नहीं, हां उनके चुनाव नहीं लड़ने की बात से टिकट पर ब्रेक जरूर लगा जान पड़ रहा हैं। उम्मीद हैं ये संशय जल्द दूर होगा।
तब तक बीजेपी ने किया अन्य नामों पर विचार शुरू
बीजेपी शिवपुरी को गवाना नहीं चाहेगी इसीलिए वह अंतिम समय तक खेल मंत्री को टिकिट देगी। फिर भी सूत्रों की खबर हैं की कम समय में चुनाव के रहते बीजेपी ने शिवपुरी से अन्य नामों पर भी मंथन शुरू किया हैं।
जिन नामों की चर्चा हैं उन पर एक नजर हम इसकी पहली खबर में लिख भी चुके हैं जिनमें बीजेपी जिलाध्यक्ष राजू बाथम, पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे, देवेंद्र जैन, माखनलाल राठौर, रामजी व्यास, राघवेंद्र शर्मा, हेमंत झा, पवन जैन, विजय शर्मा आदि लेकिन कुछ नए नाम जो संगठन से भी जुड़े हुए हैं उन पर भी गौर कीजिए।
पूर्व विधायक सुशील के पुत्र अनुराग अष्ठाना
ये नाम आपको भले ही चौका दे लेकिन बीजेपी एक प्रतिशत खेल मंत्री के न मानने पर सीट पर ठोस प्रत्याशी ही उतारेगी। ऐसे में पूर्व विधायक स्वर्गीय सुशील बहादुर अस्थाना के पुत्र अनुराग अष्ठाना का नाम सुर्खियों में बना हुआ हैं। नगर मंडल अध्यक्ष रहे अनुराग की पत्नी ऋषिका शिवपुरी नपा की अध्यक्ष भी रही हैं। उनके कार्यकाल में सैकड़ों सड़कों का निर्माण रिकॉर्ड आज भी नहीं टूटा हैं। जबकि उनके पिता सुशील अष्ठाना बीजेपी में जनसंघ के समय से भाई साहब के नाम से जाने जाते थे। उनका जनता से आत्मीय लगाव ही था की जब उनको राजमाता साहब ने निर्दलीय चुनाव लड़ने को कहा वो भी तीर कमान के साथ तब उनके आशीर्वाद और स्वयं के व्यवहार से सुशील जी ने विजय पताका फहराई थी। जबकि आप उसके पहले भी विधायक रहे थे। उनके बेटे अनुराग भी अपने पिता का पदचिन्हों पर चलते आए हैं। कुशल व्यवहार और मिलनसारिता के नाते नगर मंडल अध्यक्ष रहते उनके पूरे नगर में बीजेपी कार्यकर्ताओं से गहरे संबंध हैं। बताया जा रहा हैं की उनका नाम विचार में शामिल किया गया हैं। हालाकि अनुराग से जब धमाका ने बात की तो उनका कहना था की खेल मंत्री श्रीमंत सिंधिया या केंद्रीय मंत्री श्रीमंत सिंधिया चुनाव लड़ेंगे तो उनका स्वागत हैं हम जी जान से प्रचार करेंगे। अगर उनके बाद पार्टी ने आदेश किया तो आदेश पर अमल करते हुए जनता का आशीर्वाद लेने मैदान में जायेंगे।
ओमी जैन सीनियर लीडर
भले ही वार्ड से पार्षद ओमी जैन किसी की नजर में पार्षद हों लेकिन बीजेपी के उदय काल में उनका शिवपुरी से योगदान किसी से छुपा नहीं हैं। उन्होंने सीएम शिवराज के करीबी रहे विनोद गर्ग तोडू के साथ शिवपुरी में जमकर राजनीति की। उन दिनों कांग्रेस की सत्ता थी और बीजेपी कमल खिलाने जोर आजमाइश करती थी। राम मंदिर निर्माण के लिए शिला पूजन से लेकर विभिन्न
कदम उठाए जाते थे जो नेता आगे आकर आंदोलन या कोई कदम उठाते थे उन नेताओं को कांग्रेस तत्परता से कुचलने या कहिए थामने का प्रयास करती थी ऐसे विषम समय में भी ओमप्रकाश जैन ओमी ने बीजेपी की तरफ से जमकर राजनीति की। उनसे बात करते ही बीजेपी के कई पुराने दिग्गज एक झटके में उनकी जुबान पर आकर याद आ जाते हैं। उनके पिता कोशल चंद जैन भी बीजेपी के लम्बे समय तक नेता रहे। उनका नाम भी पार्टी के पास विचार के लिए जाने की खबरें हैं।

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