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#धमाका_अच्छी_खबर: #पूर्व से कार्यरत #अतिथि_शिक्षकों को #नहीं किया जायेगा #कार्यमुक्त, अतिथि शिक्षकों को लेकर #नया_आदेश_जारी

बुधवार, 4 अक्टूबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
भोपाल। लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश के संचालक डी. एस. कुशवाह ने चार अक्टूबर को अतिथि शिक्षकों को लेकर नया आदेश जारी किया हैं। जिसमें पूर्व से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को कार्यमुक्त न करने के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश का पालन समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी और समस्त संकुल प्राचार्य मध्यप्रदेश को संदर्भ:- संचालनालय के पत्र क्र / 284 दिनांक 03.10.2023, उपरोक्त संदर्भित पत्र के द्वारा दिये गये निर्देशों का क्रियान्वयन आगामी आदेश तक स्थगित किया जाता है। इसी के साथ मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों को कार्य मुक्त करने वाला आदेश स्थगित कर दिया गया है।  लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक श्री डीएस कुशवाह ने अपने ही आदेश को स्थगित कर दिया हैं। मध्यप्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं संकुल प्राचार्य के नाम संबोधित रिमाइंडर नंबर 284 दिनांक 3 अक्टूबर 2023 में डायरेक्टर डीपीआई श्री डीएस कुशवाह ने लिखा था कि, संचालनालय के पत्र क्रमांक 776 दिनांक 2 फरवरी 2023 के अनुसार नियमित शिक्षकों उपस्थिति उपरांत आमंत्रित किये गये अतिथि शिक्षकों के ऑनलाइन बिल जनरेट कर कार्यमुक्त करने के निर्देश दिये गये थे। अतिथि शिक्षक पोर्टल प्राप्त जानकारी के अनुसार देखने में आया है, कि नियमित शिक्षकों की विद्यालय में उपस्थिति उपरांत भी संकुल प्राचार्यों द्वारा अतिथि शिक्षकों को GFMS पोर्टल से कार्यमुक्त नहीं किया गया है, जो कि शासनादेशों अवहेलना एवं घोर अनियमितता का द्योतक है। जबकि मुख्यमंत्री ने जो ऐलान किया था जिलों में उसी का पालन किया जा रहा था। आज डायरेक्टर डीपीआई श्री डीएस कुशवाह ने एक नया सर्कुलर जारी किया है। समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं संकुल प्राचार्य के नाम संबोधित पत्र क्रमांक 286 दिनांक 4 अक्टूबर 2023 में श्री कुशवाह ने लिखा है कि संचालनालय के पत्र क्रमांक 284 दिनांक 3 अक्टूबर 2023 के द्वारा दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन आगामी आदेश तक स्थगित किया जाता है। 
अब मध्य प्रदेश में किसी भी ट्रांसफर या प्रमोशन के कारण किसी नियमित शिक्षक के आ जाने पर, अतिथि शिक्षक को कार्य मुक्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई ऐसा करता है तो उसका कृत्य घर कदाचरण की श्रेणी में आएगा। उसके खिलाफ शासनादेश की अवहेलना करने का आरोप पत्र जारी किया जा सकता है। उसे विभागीय जांच का सामना करना पड़ सकता है और अनुशासनात्मक कार्रवाई का भागी हो सकता है। 













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