इंदौर। आचार संहिता में कैश जब्ती की हो रही कार्रवाई को लेकर आम इंसान परेशानी अनुभव कर रहा हैं। एक जिले से दूसरे जिले में जाना मुहाल हो गया हैं। सड़क पर वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस की दादा गिरी हो रही हैं। ऊपर से अगर आपके पास पचास हजार से अधिक मिल गए तो आपको दाऊद इब्राहिम की नजर से देखा जाता हैं। जबकि सोचने वाली बात ये हैं की चुनाव के जिस मैनेजमेंट को रोकने के लिए ये कारवाई की जाती हैं उसकी जानकारी प्रत्येक प्रत्याशी को हैं जो चेकिंग के रास्ते छोड़कर अपना मेंनेजमेंट जमाता हैं न की साधारण तरीके से। खैर इसी परेशानी को लेकर एक बड़ी जानकारी हम आपके पास तक लेकर आए हैं। जिसमें आचार संहिता के लगे होने पर जो केश जब्ती की कारवाई हो रही हैं उसमें आम इंसान, व्यवसाई की परेशानी को लेकर आयकर विभाग (आईटी) के मप्र- छग के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर पीके दास ने कहा कि ढाई लाख से कम की राशि किसी भी हाल में जब्त नहीं की जा सकती है। इसका किसी को अधिकार नहीं है। चुनाव आयोग ने भी केवल चुनाव प्रत्याशी, उनके एजेंट या समर्थक द्वारा ही 50 हजार से अधिक कैश परिवहन करने पर जब्ती के लिए कहा है, आम व्यक्ति से नहीं। सोमवार को उन्होंने सीए भवन में व्यापारियों से कहा कि वर्तमान में हो रही कैश जब्ती की कार्रवाई उचित नहीं है। ऐसी जब्त राशि फरियादी को 24 घंटे में लौटाने का नियम है। इसका पालन नहीं हो रहा तो आयोग को शिकायत की जा सकती है।

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