(सुनिए क्या कहा खेल मंत्री सिंधिया ने)
गुजरात के केबड़िया की तर्ज पर तैयार पाम आयलैंड सौंपा शिवपुरी को
खेल मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया ने सर्वप्रथम नवग्रह मंदिर और सत्यनारायण मंदिर का लोकार्पण किया। इसके बाद मेडिकल कालेज के सामने स्थापित की गई राजमाता कै श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा का अनावरण दक्षिण से आए उड़िपी पंड़ितों के मंत्रोच्चरण के बीच हुआ।
धीरे धीरे उठा प्रतिमा से पर्दा
राजमाता विजया राजे सिंधिया की प्रतिमा पर्दे से ढककर रखी गई थी। जब मंत्रोचारण हुआ तब धीरे धीरे पर्दा ऊपर उठा। हाइड्रा मशीन ने पर्दा हटाया और अम्मा महाराज अमर रहे के नारों से आसमान गूंज उठा। उनकी बोलती हुई प्रतिमा के अनावरण के बाद पाम आयलैंड की लाइट जल उठी। सैकड़ों लोग उसके इंतजार में थे सो सेल्फी लेने का सिलसिला शुरू हो गया। थीम रोड अम्मा महाराज को समर्पित
थीम रोड लाइट ब्यूटीफिकेशन के साथ आज दिवाली की याद दिलाती नजर आई। जगमग लाइट देखने सैकड़ों लोग सड़कों पर निकले। बता दें की अब शहर की 13 किमी लंबी थीम रोड को राजमाता विजया राजे सिंधिया के नाम से जाना जाएगा।
सेल्फी पॉइंट्स पर ये थे आकर्षण
शिवपुरी के पाम पार्क के चारों Selfi पॉइंट पर कलाकार प्रस्तुति दे रहे थे। एक सेल्फी पॉइंट पर शहनाई वादक अपनी कला का जादू बिखेरते दिखाई दिए। दूसरी तरफ दक्षिण के कलाकार अपनी प्रस्तुति
दे रहे थे लोग उनके साथ फोटो लेते नजर आए खुद खेल मंत्री ने उनके साथ सेल्फी ली। तीसरे और चौथे सेल्फी पॉइंट पर स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे थे।
दे रहे थे लोग उनके साथ फोटो लेते नजर आए खुद खेल मंत्री ने उनके साथ सेल्फी ली। तीसरे और चौथे सेल्फी पॉइंट पर स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे थे।
(द्रोन कैमरे में कैद राजमाता विजया राजे सिंधिया मार्ग)
भजनों ने बांधा समां, भाव में झूमती नजर आई श्रीमंत
भजन संध्या में लोकप्रिय भजन गायक राजेंद्र पारिख की भावपूर्ण प्रस्तुतियां दी गई। राजमाता साहब को आदरांजलि प्रदान करने के लिए उन्होंने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए। खुद खेल मंत्री सिंधिया भजनों के भाव में बह निकली और भजनों पर झूमती नजर आई। उनकी खुशी इस मौके पर देखते ही बनी। हालाकि बाद में वे बेहद भावुक हो गई और कहा चुनाव नहीं लड़ेंगी। वास्तव में ये पल भावुक होने वाला हैं भी क्योंकि श्रीमंत की शिवपुरी कार्य स्थली रही। अम्मा महाराज के साथ राजनीति का ककहरा उन्होंने ग्वालियर और शिवपुरी में साथ सीखा। फिर शिवपुरी से उन्होंने टिककर बेटिंग की। यही कारण हैं की उनके चुनाव लड़ने से इंकार के बाद से शिवपुरी में बीजेपी आसमान से जमीन पर आ खड़ी हुई हैं।
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