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समय पर अस्पताल ले आते परिजन तो बच जाती प्रसूता की जान, नवजात लाडो को बिलखता छोड़ गई मां, डॉक्टर विशेष निगरानी में कर रहे लाडो का उपचार

सोमवार, 2 अक्टूबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
SHIVPURI शिवपुरी। जिले के पोहरी ब्लॉक के शिकंदपुरा में एक प्रसूता की 108 एम्बुलेंस पहुंचने से पहले ही डिलीवरी हो गई। प्रसूता को तत्काल 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया लेकिन डॉक्टरों ने प्रसूता को मृत घोषित कर दिया। हालांकि, नवजात बच्ची की जान बच गई। डॉक्टर्स बच्ची का उपचार विशेष निगरानी में कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, शिकंदपुर निवासी 30 वर्षीय मेवा आदिवासी की ससुराल श्योपुर जिले के दांती गांव में है। शनिवार को मेवा आदिवासी का पति रामानंद आदिवासी अपनी पत्नी मेवा और दो बच्चों को अपनी ससुराल शिकंदपुर छोड़ कर गुजरात चला गया।
रविवार की रात मेवा आदिवासी को तेज प्रसव पीड़ा उठी। मेवा के माता-पिता ने मेवा को पोहरी के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती न कराते हुए सुबह होने का इंतजार करते रहे। सुबह 6 बजे 108 एम्बुलेंस प्रसूता मेवा को लेने घर पहुंची ही थी कि प्रसूता ने बच्ची को जन्म दे दिया। आनन-फानन में 108 एम्बुलेंस से प्रसूता को जिला अस्पताल लाया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही प्रसूता ने दम तोड़ दिया।
ज्यादा ब्लीडिंग की वजह से से हुई प्रसूता की मौत
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन बीएल यादव ने बताया कि प्रसूता एनेमिक थी। कुछ समय पहले प्रसूता का उपचार जिला अस्पताल में चला था। जहां उसे खून की तीन यूनिट भी चढ़ाई गई थीं।
गांव में बच्चे की डिलीवरी होने और अस्पताल पहुंचने के दौरान ब्लीडिंग होने से खून की कमी के चलते प्रसूता की जिला अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गई। ऐसे में अगर समय रहते परिजन प्रसूता को पोहरी या शिवपुरी के जिला अस्पताल में भर्ती कराते तो प्रसूता की जान बच सकती थी।













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