मोदी ने बच्चों को दिए 9 टास्क
*जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करें।
*गांवों में डिजिटल लेनदेन के प्रति जागरूक करें।
*अपने शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने की ओर काम करें।
*वोकल फॉर लोकल अपनाएं। स्थानीय प्रॉडक्ट को प्राथमिकता दें।
* ट्रैवल इन इंडिया फर्स्ट यानी पहले अपना देश
* नेचुरल फार्मिंग के प्रति किसानों को जागरूक करें।
* मिलेट्स यानी श्रीअन्न को जीवन में शामिल करें और प्रचार करें।
* योग और स्पोर्ट्स को जीवन का हिस्सा बनाएं।
* एक गरीब परिवार की हैंड होल्डिंग करें। इससे
गरीबी दूर होगी।आउट ऑफ द बॉक्स सोचिए
मोदी ने बच्चों से कहा कि फ्यूचर को लेकर आउट ऑफ द बॉक्स सोचिए । सपने और संकल्प दोनों बड़े होने चाहिए। मोदी ने बच्चों से ठिठोली करते हुए कहा कि आप अपने आइडिया नमो ऐप पर शेयर कर सकते हैं। अपने सीक्रेट भी वॉट्सऐप पर मुझसे शेयर कर सकते हैं। मैं किसी को नहीं बताऊंगा।आपकी जनरेशन का बोझ हल्का किया
मोदी ने कहा कि तात्कालिक स्वार्थ के लिए किए गए काम से समाज को नुकसान होता है। साल 2014 में जब देश ने मुझे प्रधान सेवक का दायित्व दिया, तो मेरे सामने दो ऑप्शन थे। पहला- मैं तात्कालिक के लिए काम करूं। दूसरा- लॉन्ग टर्म एप्रोच अपनाऊं। मैंने दूसरा ऑप्शन चुना। इन 10 साल में देश ने लॉन्ग टर्म प्लानिंग के जो फैसले लिए, वो अभूतपूर्व हैं। मेरे पास कामों की इतनी लंबी लिस्ट है कि उनका उल्लेख करते हुए पूरी रात बीत जाएगी। मैंने आपकी जनरेशन का बोझ हल्का किया है। "हमने देश को कितने ही पेंडिंग फैसलों से मुक्त किया है, जम्मू - कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाना, पूर्व फौजियों के लिए वन रैंक वन पेंशन शुरू करना, GST को लागू करना, तीन तलाख के खिलाफ कानून बनाना, लोकसभा और विधानसभा में महिला आरक्षण का कानून बनाना, इन सभी फैंसलों पर हमारी सरकार ने काम किया है।" शताब्दी का सोचने के लिए शिक्षा से जुड़िए
पीएम ने कहा कि कहावत है कि यदि एक साल का सोच रहे हैं, तो अनाज बोइए। एक दशक का सोच रहे हैं, तो फल वाले पेड़ लगाइए। यदि एक शताब्दी का सोच रहे हैं, तो शिक्षा से जुड़ी संस्थाएं बनाइए।
10 साल में एक लाख स्टार्टअपमोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने स्पेस, डिफेंस सेक्टर को भी युवाओं के लिए ओपन किया है। आपको मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को बढ़ाना है। साल 2014 में गिनती के स्टार्टअप थे। आज देश में करीब एक लाख स्टार्टअप हैं। 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न बने हैं।बच्चों को दिलाया विकसित भारत का संकल्प
मोदी ने बच्चों को संकल्प दिलाया कि अगले 25 साल में देश को विकसित बनाकर दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि ये जिम्मेदारी यंग जनरेशन की है। मेरा विश्वास कि आप इन सपनों को संजोकर काम करेंगे। संकल्प को सिद्धि में बदलेंगे। इसे हासिल करने तक रुकेंगे नहीं। अगले 25 साल आपके और भारत के लिए जरूरी हैं। संकल्प लीजिए कि मैं विकसित भारत बनाउंगा। नेशन फर्स्ट की सोच के साथ काम करूंगा। इनोवेशन करूंगा। भारत को विकसित बनाकर ही रहूंगा। कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया
At @ScindiaSchool, @Meetbros sung the Garba penned by me. Incidentally, they are proud alumnus of Scindia School.पीएम मोदी ने छात्रों को किया सम्मानित
* 12वीं के छात्र गौरव मेहरा, जयस निठरवार को गवर्नर मेडल दिया ।
* 12वीं के छात्र मयंक चौधरी को महाराजा
जीवजीराव सिंधिया मेडल दिया गया । मयंक एनडीए में प्रशिक्षु है। उनके माता-पिता ने मेडल लिया।
* मोदी ने दो छात्रों को जनरल एफिशिएंसी शील्ड प्रदान की।
* सिंधिया स्कूल के पूर्व छात्र रंजन टंडन को माधव अवॉर्ड दिया गया।
* पूर्व छात्र रंजन टंडन ने रघुवीर कोचर को भी माधव फ्लैग दिया।
नवरात्रि की शुरुआत में जारी किया था 'माड़ी'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि की शुरुआत माड़ी' नाम से गाना जारी किया था। पीएम मोदी ने एक्स पर किए पोस्ट में बताया कि उन्होंने इस गीत के बोल लिखे हैं, जिसे दिव्य कुमार ने आवाज दी है। मीत ब्रदर्स ने कम्पोज किया है। यह गाना गुजराती में गाया गया है। 'माड़ी' दूसरा गाना है, जिसे पीएम मोदी ने इस साल नवरात्रि के लिए लिखा है।
सिंधिया : भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा
सिंधिया ने कहा कि 18वीं सदी के बाद दोबारा विश्व में भारत को परचम लहराने का अवसर मिला है। पीएम की सोच से भारत ने चांद पर भी तिरंगा लहरा दिया है । भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति लागू की है। मध्यप्रदेश में सीएम राइज स्कूल को बनाकर भारतीय संस्कारों से जोड़कर रख रहे हैं। उसे आधुनिक बना रहे हैं। मध्यप्रदेश आज विकसित प्रांतों की सूची में खड़ा हो गया है।
सिंधिया स्कूल आने वाले पहले पीएम सिंधिया स्कूल 'के पीआरओ मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि किसी प्रधानमंत्री का सिंधिया स्कूल में यह पहला विजिट है। इससे पहले, अटल बिहारी वाजपेयी, पं. जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री भी आ चुके हैं, लेकिन वे प्रधानमंत्री रहते हुए नहीं आए थे। राष्ट्रपति रहते हुए एपीजे अब्दुल कलाम और वेंकटरमन यहां आ चुके हैं।

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