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धमाका बड़ी खबर: 80 लोगों ने धोखाधड़ी के लिए 36 फर्जी कंपनियां बनाकर 10 करोड़ की टैक्स चोरी सहित 1.98 अरब रुपए का किया घोटाला, EOW ने किया केस दर्ज, MP गजब हैं

बुधवार, 22 नवंबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
उज्जैन। उज्जैन में अग्रवाल सोया एक्स्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और 36 फर्जी फर्मों के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने 2 अरब के घोटाले को लेकर केस दर्ज कर लिया है। EOW के मुताबिक, अग्रवाल सोया ने करीब 10 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी सहित कुल 1.98 अरब रुपए के घोटाले को अंजाम दिया। शासन को नुकसान पहुंचाने के मामले में गबन, धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है । बड़ी बात यह है कि EOW ने शिकायत करने वाले इंदौर के बिजनेसमैन सहित 80 को आरोपी बनाया है। EOW निरीक्षक अनिल शुक्ला ने बताया कि 2019 में CGST (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को अग्रवाल सोया एक्स्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (धामनिया, नीमच ) के खिलाफ टैक्स चोरी की शिकायत मिली थी। CGST टीम इसकी जांच कर ही रही थी कि इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी ने EOW को शिकायत में बताया कि अग्रवाल सोया के साथ दूसरी और भी फर्जी कंपनियों ने करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है।
जांच में पता चला कि अग्रवाल सोया कंपनी के मालिक गोपाल सिंघल, दीपक सिंघल सहित 80 लोगों ने धोखाधड़ी के लिए 36 फर्जी कंपनियां बना रखी हैं। इन कंपनियों ने खली और तेल के व्यापार की आड़ में अब तक 2 अरब रुपए का घोटाला किया है।
फर्जी इनवॉइस-बिल्टी से खरीद-फरोख्त दिखाई
अग्रवाल सोया एक्स्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 2017 से 2022 के बीच 36 बोगस फर्म और इनके मालिकों के साथ मिलकर कूटरचित इनवॉइस बिल, बिल्टी तैयार किए। सोयाबीन DOC (डी-ऑइल केक) की फर्जी खरीद-फरोख्त दिखाई।
गोपाल सिंघल, शालिनी सिंघल, दीपक सिंघल, नवनीत गर्ग ने अपनी कंपनी अग्रवाल सोया के मालिक के रूप में फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी - नारायण फ्रैट कैरियर (आदर्श नगर, इंदौर) सहित दूसरी बोगस फर्म के बिल लगाकर 2 अरब रुपए का फर्जीवाड़ा कर 10 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी भी की।
कार्रवाई से बचने शिकायत, जांच में खुद पकड़ा गया
EOW के निरीक्षक अनिल शुक्ला ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाने के लिए जिन्हें डायरेक्टर बताया, रिकॉर्ड में उनके नाम भी नकली हैं। मामले की शिकायत करने वाला इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी का मालिक कपिल भी डिफॉल्टरों में शामिल निकला। कपिल की कंपनी भी फर्जी कंपनियों में शामिल है। उसने कार्रवाई से बचने के लिए शिकायत की थी। हालांकि, जांच में उसका झूठ पकड़ा गया।







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