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ग्रामीण महिलाओं को बालिका शिक्षा के प्रति जागरूक किया

शनिवार, 4 नवंबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
बेटी को शिक्षित करने की जिम्मेदारी प्रत्येक अभिभावक की होती है रवि गोयल सामाजिक कार्यकर्ता 
शिवपुरी. शक्तीशाली महिला संगठन शिवपुरी की ओर से  शनिवार को संगोष्ठी आयोजित की कई। कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं को बालिका शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही बताया कि बेटी को शिक्षित करने की जिम्मेदारी प्रत्येक अभिभावक की होती है। ये कहना था सामाजिक कार्यकर्ता शक्ती शाली महिला संगठन रवि गोयल का जो की जनपद शिवपुरी के शासकीय प्राथमिक विद्यालय अर्जुंगवा खुर्द में बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत करते हुए समुदाय को संबोधित कर रहे थे उन्होंने कहा कि बेटियां सृष्टि की निर्माता हैं। बेटियां विभिन्न अवसरों पर बेटी, मां, दादी, नानी आदि रूपों में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करतीं हैं और समाज को आगे बढ़ातीं हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेटियां समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ चढ़कर भाग ले रहीं हैं। उनको समुचित शिक्षा दिलाना हर अभिभावक की जिम्मेदारी है। बेटियों को बराबरी का दर्जा देने के लिए समाज की मानसिकता में परिवर्तन लाना जरूरी है समुदाय के कई सदस्यों यह मानते है कि अंततः माता-पिता बालिकाओं की शिक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; अतः यह महत्वपूर्ण है कि बालिका शिक्षा के महत्व के बारे में पहले माता-पिता को बताया जाए। उन्होंने ग्रामीण भारत के स्कूलों में उचित बुनियादी ढांचे और पहुंच की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा स्कूलों में उचित स्वच्छता सुविधाओं की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। साथ ही कहा की लघु फिल्मों के माध्यम से भी बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया और ग्राम पंचायतों को लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपे जाने का सुझाव दिया लड़कियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होने ये भी कहा की माता-पिता को कैसे यह समझाया जाए कि वे अपनी बेटियों को शिक्षित करने पर ज्यादा जोर दें न कि किशोरावस्था में ही उनकी शादी करने पर। उन्हें यह समझाया जा सके कि उनकी लड़कियां उनके लिए आर्थिक बोझ स्वरुप नहीं हैं।  समुदाय की कई महिलाओ ने महिलाओं की सुरक्षा के महत्व पर भी बल दिया क्यों कि अगर लड़कियां सुरक्षित नहीं होंगी तो उन्हें शिक्षित करने के लिए माता-पिता को समझाना बहुत मुश्किल हो जाएगा। विधालय के हेड मास्टर राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि बेटियों को देवी का दर्जा देने वाले समाज में ही उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार समाज पर कलंक है।देश में बालिका शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए विचार-विमर्श एवं चर्चा करने के उद्देश्य के साथ, चाहे इससे संबंधी सुविधाएँ हो या आर्थिक सहायता, बालिका शिक्षा’ समूह आवश्यक विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करता है। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए पालक शिक्षक संघ को अत्यंत मजबूत बनाया जाए।  बाल विकास विभाग की आगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती नीता श्रीवास्तव  ने महिलाओं को गोद भराई योजना, अन्न प्रासन योजना की जानकारी दी। अंत में ललित ओझा ने प्रोग्राम के समापन पर कहा की परिवार जो हमारे समाज की परम्परा,संस्कृति,व जीवन शैली को मजबूत बनाए रखने की महत्वपूर्ण संस्था है|बालिका भविष्य मे इसी परिवार रूपी संस्था की मुख्य बनती है इसलिए उसकी शिक्षा मे आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ पारिवारिक जिम्मेदारी की शिक्षा को जोड़ना चाहिय| प्रोग्राम में समुदाय की महिलाओं के साथ-साथ बच्चे स्कूल के स्टाफ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं शक्तिशाली महिला संगठन की टीम ने सक्रिय सहभागिता की।






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