आखिर कैसे तय होगा विजय का रास्ता
जिस तरह का विरोध देखने को मिल रहा हैं इसे देखकर लोगों का कहना हैं की वो दिन लद गए जब कोई कुछ भी कर गुजरता था। अब तो पाप पुण्य का फल हाल की हाल मिलता हैं।
भीतरघात का भी संकट
एक तरफ विरोध तो दूसरी तरफ टिकिट से वंचित लोग भी विरोध करने मे पीछे नहीं हैं। छुपे रुस्तम की तरह वे परदे के पीछे से बीजेपी के प्रत्याशी की माता ठंडी करने में जुटे हैं ऐसा लोगों ने कहा।

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