मुंबई। Subrata Roy Sahara Passed Away: 1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना करने वाले सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का मंगलवार को मुंबई के कोकिला बेन हॉस्पिटल में निधन हो गया। वह कई दिन से बीमार चल रहे थे। सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का मंगलवार देर रात कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में निधन हो गया। वह 75 साल के थे। भारत के प्रमुख व्यवसायियों में से एक सुब्रत रॉय अलग-अलग व्यावसायिक हितों वाले समूह सहारा इंडिया के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष थे। वे 'सहाराश्री' के नाम से भी जाने जाते थे। उन्होंने 1978 में सहारा इंडिया परिवार (Sahara India Pariwar) की स्थापना की थी। उनके निधन में समाजवादी पार्टी समेत दूसरे राजनीतिक दलों ने शोक जताया है।
कौन थे सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय
बिहार के अररिया जिले के रहने वाले सुब्रत रॉय (Subrata Roy) को पढ़ने में कुछ खास मन नहीं लगता। शुरूआती पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई और फिर वो गोरखपुर पहुंच गए। साल 1978 में सुब्रत रॉय ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर स्कूटर पर बिस्कुट और नमकीन बेचने का काम शुरू किया। एक कमरे में दो कुर्सी और एक स्कूटर के साथ उन्होंने दो लाख करोड़ रुपये तक का सफर तय कर किया। दोस्त के साथ मिलकर उन्होंने चिट फंड कंपनी शुरू की। उन्होंने पैरा बैंकिंग की शुरूआत की। गरीब और मध्यम वर्ग को टारगेट किया।
कैसे शुरू की कंपनी
मात्र 100 रुपये कमाने वाले लोग भी उनके पास 20 रुपये जमा कराते थे। देश की गलियों-गलियों तक उनकी ये स्कीम मशहूर हो गई। लाखों की संख्या में लोग सहारा के साथ जुड़ते चले गए। हालांकि साल 1980 में सरकार ने इस स्कीम पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन तब तक काफी लोगों ने इसमें निवेश किया था। सभी निवेशकों के पैसे बाद में फंस गए।

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