जाता है जैसे - अल्पना, माण्डना, आलेखन, कोलम, रंगोली आदि। इसलिए प्रतियोगी माध्यम और आकार के लिये स्वतंत्र थी। वर्णात्मक, चित्रात्मक अथवा मुक्त चित्रण किया गया।
उक्त कार्यक्रम में रंगोली प्रतियोगिता की जज मैडम आरबी मुले, मिराकल ब्यूटी पार्लर की संचालक मोना ढींगरा, रवजित कौर रहीं। जिन्होंने बारीकी से रंगोली को परखा और बेहद चुनौती पूर्ण करीबी मुकाबले में विजेताओं को चुना। इसमें कल्पना लोधी पिछोर तीसरा, दूसरा बदरवास तृप्ति ओझा और प्रथम शासकीय नरवर पल्लवी जैन को हासिल हुआ। इसी क्रम में बाद विवाद एवम वक्तृत्व कला के जज पत्रकार विपिन शुक्ला, संजीव बाझल, बृज दुबे ने विजेताओं के नाम घोषित किए। अनामिका श्रीवास्तव तीसरा,
दूसरा नंबर कुमारी को मिला जबकि अंशिता जैन बदरवास प्रथम रही। अमृत महोत्सव विषय पर पक्ष अभय प्रताप जबकि विपक्ष में रागनी का चयन हुआ। कार्यक्रम में प्रोफेसर एसएस खंडेलवाल, प्रोफेसर मुकेश अनुरागी, प्रो पल्लवी गोयल, हेमंत फड़नीस आदि मोजूद थे।

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