दुनिया में धाक जमा रही है भारतीय विमान सेवा, मौजूदा 700 विमानों से भरी जा रही है पूरी दुनिया में उड़ान
120 साल का सफर पूरा करने वाली हवाई सेवाओं के क्षेत्र में भारतीय नागरिक उड्डयन देश और दुनिया में अपनी धाक जमा रहा है और नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पूरी दुनिया में प्रति वर्ष चार अरब से ज्यादा लोग हवाई यात्रा करते हैं। जबकि देश में आठ लाख से अधिक। आम हो या खास सबको हवाई सेवाएं रास आने लगीं हैं। भारत भी अब दुनिया की श्रेष्ठ हवाई सेवाओं की रेस में शामिल होने के लिए नवाचार कर रहा है और आधुनिक तकनीक के साथ बेहतरी के लिए ठोस कदम उठा रहा है। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस पर विमानन के क्षेत्र में होने वाले बदलाव को दर्शाती *एक खास रिपोर्ट* ।
सात दिसंबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डन दिवस मनाया जाता है।
इसका मुख्य उद्देश्य मौजूदा परिवेश में पूरी दुनिया में विश्व के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए विमानन के महत्व को समझना और जानना है। ताकि नागरिक उड्डयन के बारे में विश्वव्यापी जागरूकता उत्पन्न की जा सके। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की इसे बढ़ावा देने में अनूठी भूमिका है। इस बार इस दिवस की थीम “वैश्विक विमानन विकास के लिए उत्पन्न नवाचार“ है। आईसीएओ प्रत्येक पांच साल के लिए विशेष थीम की स्थापना करता है। 2020 में संगठन में इस थीम को चुना था।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार ने आईसीएओ की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर सात दिसंबर 1994 में इस दिवस की स्थापना की थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की। 1944 में शिकागो में इसी दिन इंटरनेशनल सिविल एविएशन संधि पर हस्ताक्षर होना भी एक प्रमुख वजह है। कनाडा के मॉन्ट्रियल में इसका अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय है। सल्वाटोर सियाचिटानों आईसीएओ के अध्यक्ष हैं।
हवाई परिवहन के क्षेत्र में सुरक्षा और दक्षता को बढ़ावा देने के साथ ही इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठनों की भूमिका को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए इस दिवस का खास महत्व है। क्योंकि आईसीएसओ विमानन सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के विकास के क्षेत्र में काम करती है और यह संयुक्त राष्ट्र का एक हिस्सा है।
हवाई सेवा का इतिहास देखें, तो 1903 में ओर्विल राइट और विल्बर राइट ने पहला स्वतः अग्रगामी वायुयान उड़ाया था। 1909 में लूई ब्लेरिओट ने मोनोप्लेन द्वारा इंग्लिश चैनल पार किया था। जबकि 1918 में अमेरिकी डाक विभाग ने हवाई डाक सेवा शुरू की थी।
भारत में 1911 में इलाहाबाद से नैनी के बीच डाक हवाई सेवा शुरू हुई थी। एक जनवरी 1914 को दुनिया के पहले यात्री विमान ने अमेरिका के फ्लोरिडा में उड़ान भरी थी। 1933 में इंडियन नेशनल एयरवेज की स्थापना हुई थी।
भारत में आजादी से पूर्व 21 एयर कंपनिया थीं। 1953 में सभी कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। आज पूरी दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा हवाई यात्री हैं।
देश में फिलहाल इंडिगो, स्पाइस जेट, गो फर्स्ट, अकाशा एयर, विस्तारा व एक्स कनेक्ट कंपनिया अपनी सेवाएं दे रही हैं। इसी साल देश में जनवरी से सितंबर तक 112.86 मिलियन यात्रियों ने घरेलू और 45.99 मिलियन यात्रियों ने अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा का लाभ लिया। इनसे 3.087 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। यही कारण है कि भारतीय वायु सेवा की दुनिया में अलग ही पहचान है। निरंतर आधुनिक तकनीक के साथ प्रगति कर रही है। सुरक्षा और दक्षता के अनुरूप आईसीएओ की कसौटी पर खरी उतर रही हैं। एक नया पायलट प्रशिक्षण संगठन शुरू किया गया है।
देश में इस वक्त नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में एतिहासिक विकास हो रहा है। क्षेत्रिय संपर्क योजना- उड़े देश का आम आदमी (आरसीएस उड़ान) योजना के अंतर्गत आमजन को हवाई सेवाओं को लाभ देने के लिए कार्य किया जा रहा है। इस योजना की पहली उड़ान 27 अपै्रल 2017 को शिमला से दिल्ली के बीच शुरू हुई थी। सेवा का 1.4 करोड़ से अधिक यात्रियों को लाभ मिला। यह सेवा नागरिक विमानन नीति 2016 के प्रमुख तत्वों में से एक है। जिसमें वर्ष 2027 तक 50 करोड़ की घरेलू टिकटिंग की परिकल्पना की गई है। साथ ही 2025 तक देश में 250 हवाई अड्डों का लक्ष्य रखा गया है। मुंद्रा (गुजरात) से लेकर अरुणाचल प्रदेश के तेजू और कर्नाटक के हुबली के साथ ही दरभंगा, कन्नूर, मैसूर तक उड़ान देश भर के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ रहा है। योजना में 75 हवाई अड्डों का संचालन किया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में आठ हवाई अड्डे चालू हो गए हैं।
नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह कहना कि “उड़ान“ के 6 वर्ष सफलापूर्वक पूरा होना विमानन क्षेत्र के लिए एक अविश्वसनीय महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जो विमानन क्षेत्र को लोकतांत्रिक बनाने और सभी के लिए सुलभ हवाई यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पर्यटन को बढ़ावा देने, व्यापार को प्रोत्साहन देने और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त बनाकर हमारे देश की वास्तविक क्षमता को उड़ान ने उजागर किया है। यह योजना भविष्य में समृद्ध और समावेशी भारत का निर्माण करेगी।
जो व्यापार को आसान बनाने के कार्य को बढ़ावा देने और विमानन क्षेत्र में सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का सूचक है।

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