SHIVPURI शिवपुरी। प्रदेश सरकार के गठन में शिवपुरी जिले से बीजेपी को चार चेहरे मिल गए हैं। कुल पांच सीटों पर हुए चुनाव में अंतिम दिन तक स्थिति साफ नहीं थी। शिवपुरी, पिछोर को लेकर बीजेपी ने जबकि पोहरी, करैरा, कोलारस में कांग्रेस ने अपने दावे जताए थे लेकिन जब मतपत्र की गिनती हुई तो तस्वीर साफ हुई और सुबह से लेकर दोपहर बाद तक तीन बीजेपी और दो कांग्रेस की स्थिति बनी लेकिन करैरा से एकाएक बीजेपी प्रत्याशी रमेश खटीक ने पलट मारते हुए कांग्रेस के प्रागीलाल को पीछे छोड़ दिया और अंत में विजय श्री हासिल कर ली। इस तरह शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीट पर चार बीजेपी ने जीतीं एवं एक सीट पर कांग्रेस जीत दर्ज की है।
इस तरह मिली विजय
शिवपुरी में देवेंद्र जैन ने तोड़े जीत के पिछले रिकॉर्ड
*शिवपुरी - बीजेपी के देवेन्द्र जैन जीते, कांग्रेस के केपी सिंह बड़े अंतर से पराजित। जैन ने 43030 मतों से विजय हासिल कर जीत का रिकॉर्ड बनाया। बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र जैन को 112324 वोट मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह को 69294 वोट मिले। शिवपुरी विधानसभा सीट पर श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया ने वर्ष 2018 में 28748 मतों से विजय हासिल की थी ये रिकॉर्ड टूटा।
जीत के बाद जैन ने नगर में विजय जुलूस निकाला। हालाकि इस विजय में उनकी इस टीम की लगातार मेहनत भी शामिल है जिसकी वजह से ये जीत बड़ी हुई।
मंत्री सुरेश राठखेड़ा आखिर हार गए, कैलाश कुशवाह का सपना पूरा हुआ
*पोहरी -: कांग्रेस के कैलाश कुशवाह जीते, बीजेपी के राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ हार गए। आज शुरू से सुरेश पीछे रहे। कई दफा तो तीसरे स्थान पर रहे। बाद में हाथी की चाल धीमी हुई तब वे दूसरे नंबर पर आए लेकिन त्रिकोणीय मुकाबले में चुनाव के पहले दिन से खतरे में रहे सुरेश धन, बाहुबल के प्रयोग के बावजूद कोई करिश्मा नहीं दिखा सके और चुनाव हार गए वो भी तब जब प्रदेश में बीजेपी की छप्पर फाड़ सरकार बनेगी। इधर चुनाव जीतने के बाद कैलाश कुशवाह ने शिवपुरी में विजय जुलूस निकाला। पोहरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुशवाह 49481 वोट से जीते। कुशवाह को 99739 वोट मिले। बीजेपी प्रत्याशी सुरेश धाकड़ राठखेड़ा को 50258 वोट मिले।
कोलारस में फिर जीते महेंद्र सिंह, अनुभवी बैजनाथ हार गए
*कोलारस-: इस बार के चुनाव में बीजेपी के महेंद्र सिंह यादव चुनाव जीत गए हैं, वे पहले विधायक रहे फिर एक चुनाव में हार गए थे। इस बार उन्हें विजय हासिल हुई। इधर राजनीतिक जीवन की तपस्या और उम्र के पड़ाव पर बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले बैजनाथ सिंह यादव चुनाव हार गए हैं। जबकि टिकिट वितरण के साथ उनकी जीत के दावे किए जाते रहे। अब राजनीतिक लोग इस हार के पीछे उनके बेटे और बैंक अध्यक्ष कार्यकाल का हिसाब किताब निकाल रहे हैं। इधर महेंद्र सिंह अपनी जीत को लेकर इतने फिक्रमंद थे की आज सुबह परिणाम से पहले ही घर पर हर खास और आम के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाकर मुफ्त खान पान की तैयारी की थी। जो दिन भर जारी रही। बीजेपी प्रत्याशी महेन्द्र यादव 50973 वोटो से जीते उन्हें 108685 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी बैजनाथ यादव को 57712 वोट मिले।
नया चेहरा अरविंद हार गए, प्रीतम जीते
*पिछोर-: बीजेपी के प्रीतम सिंह लोधी चुनाव जीत गए, उनकी जीत के आसार चुनाव की शुरुआत में कांग्रेस के छह बार के विधायक केपी सिंह ने भांप लिए थे। जिसके चलते उन्होंने जनता के बीच जाकर चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने के सवाल पूछे थे। हालाकि बाद में कांग्रेस आलाकमान ने अप्रत्याशित रूप से जब केपी सिंह को शिवपुरी भेजकर कांग्रेस से अरविंद लोधी को टिकिट दिया तो सभी हैरान रह गए। नतीजे में अनुभवी केपी सिंह खुद और उनके कहने पर टिकिट हासिल करने वाले अरविंद भी चुनाव हार गए हैं। बीजेपी प्रत्याशी प्रीतम लोधी 21882 वोट से जीते, लोधी को 121228 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी अरविन्द लोधी को 99346 वोट हासिल हुए।
करैरा में पुराना सिक्का चला, रमेश खटीक जीते
*करैरा-: बीजेपी ने करेरा में पुराने सिक्के यानि रमेश खटीक को मैदान में उतारा था। कठिन रास्ता और पहले दिन से कोई उनकी जीत को आश्वस्त नहीं था। ये बात परिणाम के दिन सुबह से दोपहर तक सही साबित हुई जब प्रागीलाल जाटव लगातार आगे बने थे। लेकिन अचानक तीन पेटी ने कमाल किया और करेरा में रमेश खटीक का कमल खिला डाला और कांग्रेस के प्रागी लाल जाटव हार गए। रमेश खटीक 3103 वोट से जीते। खटीक को 99304, जबकि प्रागीलाल को 96201 वोट हासिल हुए।

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