ग्वालियर। भांजे की 9 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद सिर पर पत्थर पटककर हत्या करने वाले आरोपी कल्लू राठौर (उम्र 42) को विशेष न्यायालय (पॉक्सो) ने फांसी की सजा दी है। साथ ही विभिन्न धाराओं में कुल एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। इसके अलावा 4 लाख रुपए की प्रतिकर राशि बच्ची के परिजन को देने का निर्देश दिया है। आदेश में न्यायालय ने कहा - जिस प्रकार किसी पौधे को वृक्ष में परिवर्तित होने से पहले बाढ़ लगाकर सुरक्षा प्रदान की जाती है। खेत में हानिकारक खरपतवार का समूल विनाश कर फसल को बचाया जाता है। इसी तरह समाज में बालकों को उनके घर में सुरक्षित रहने, उनके भविष्य को देखते हुए ऐसी खरपतवार रूपी व्यक्तियों को मूल से समाप्त किया जाना आवश्यक है। इस केस में कल्लू की भाभी सुमन राठौर पर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाया गया था लेकिन न्यायालय ने उसे बरी कर दिया। एडीपीओ आशीष राठौर ने बताया कि- 26 जून 2022 को घर के सामने स्थित मंदिर पर खेल रही 9 वर्षीय बच्ची को दोपहर डेढ़ बजे के लगभग अविवाहित कल्लू राठौर (निवासी शिवनगर काली माता मंदिर के पास) आइसक्रीम दिलाने के बहाने साथ ले गया। जहां झाड़ी में ले जाकर पहले दुष्कर्म किया फिर हत्या कर दी। परिजन ने हजीरा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। आखिरी बार बच्ची को कल्लू के साथ देखा गया था, इसलिए उससे परिजन ने पूछताछ की। लेकिन उसने बच्ची को आइसक्रीम दिलाकर घर रवाना करने की बात कही।
पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उसमें कल्लू जाते समय बच्ची के साथ, लेकिन आते समय वह अकेले दिखा। इसी आधार पर पुलिस ने उसे आरोपी बनाया। हालांकि, घटना को अंजाम देने के बाद वह ग्वालियर से भाग गया और पंजाब सहित अन्य जगहों पर रहा। 13 जुलाई 2022 को पुलिस ने उसे चार शहर का नाका से गिरफ्तार किया।
कोर्ट ने मामले को असमान्य माना
* मामले में पीड़ित 9 साल की बच्ची थी। स्त्री को समाज ने अर्द्ध- नारीश्वर रूप में स्वीकार किया, माना कि नारी इस सृष्टि की जननी, पालक व पालनहार है। स्त्री इस समाज की वह नींव है, जो हर क्षेत्र में संबल प्रदान करती है। संसार के उत्थान में उसका खासा महत्व। इस केस में बालक के रूप में ही उसके सगे रिश्तेदारों ने दुष्कर्म किया और बाद में हत्या कर असमान्य बात को स्थापित किया।
* असहाय बच्ची एक व्यक्ति की पिशाची भूख के कारण मर गई। बालिका के अबोध काल में ही उसके जीवन पर विराम लगा देना समाज के हृदय को कंपाने वाली घटना है। बालिका का जीवन दुष्कर्म जैसे वीभत्स अपराध के बाद अंत कर देना इस मामले को असमान्य बनाता है।
डीएनए रिपोर्ट
अभियोजन ने कोर्ट में डीएनए रिपोर्ट पेश की, जिसमें बच्ची के कपड़ों पर आरोपी का डीएनए मिलना प्रमाणित हुआ।
2 सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसमें कल्लू बच्ची को साथ ले जाता हुआ दिखा, लेकिन आते समय वह अकेला था। कल्लू की भाभी ने भी पुलिस को घटना के बारे में जानकारी दी और कल्लू द्वारा पहने गए कपड़े भी बरामद कराए।
शिवपुरी निवासी एडीपीओ राठौर 25 मामलों में दिला चुके सजा
उपरोक्त केस को अंजाम तक पहुंचाने वाले एडीपीओ आशीष राठौर शिवपुरी के निवासी होकर श्री राजेन्द्र राठौर गवर्नमेंट कांट्रेक्टर के अनुज हैं। आशीष राठौर इस वर्ष 25 से अधिक मामलों में आजीवन कारावास एवं कारावास करवा चुके हैं। जिससे समाज के बीच रहकर दानव प्रवृत्ति के अपराधी अपने अंजाम तक पहुंच रहे हैं। नगर में उपरोक्त घटनाक्रम में सुनाई गई सजा को लेकर लोगों ने राहत महसूस की और कोर्ट का कदम सराहनीय बताया।

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