शिवपुरी ।शरीर को फिट रखने के लिए आप डाइट में कई तरह के बदलाव करते हैं। डाइट में मोटा शिवपुरी। श्री अन्न अनाज शामिल कर भी आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। ये कहना था प्रोग्राम संयोजक रवि गोयल का जो की शक्ती शाली महिला संगठन एवम ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से ग्राम बांसखेडी में मिलेट्स या श्री अन्न के बारे में आधा सैकड़ा महिलाओ एवम किशोरी बालिकाओं को एनीमिया से मुक्ति हेतु जागरूकता प्रोग्राम में बोल रहे थे उन्होंने कहा की तो मोटा अनाज खाने के कई सारे फायदे है आप अपने खानपाम में बदलाव कर शरीर की काफी परेशानियों से राहत पा सकते हैं। एक्सपर्ट कुमारी पूजा शर्मा ने कहा की मोटे अनाज को मिलेट्स कहा जाता है। ये दो तरह के होते हैं- मोटा दाना और छोटा दाना। मिलेट्स की कैटेगरी में बाजरा, रागी, बैरी, झंगोरा, कुटकी, चना और जौ आदि आते हैं। उन्होंने कहा की मिलेट्स खाने के कई सारे फायदे होते है जैसे - यह इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है,मिलेट्स में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर, विटामिन-बी-6 मौजूद होते हैं ,एक्सपर्ट के अनुसार, एसिडिटी की समस्या में मिलेट्स फायदेमंद साबित हो सकता है,इसमें विटामिन-B3 होता है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बैलेंस रखता है। ललित झा ने कहा की - बाजरा सर्दियों के लिए पौष्टिक आहार माना जाता है। यह शरीर में गर्माहट भी बरकरार रखता है। इसमें मौजूद तत्व जैसे फाइबर, प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन्स शरीर में स्फूर्ति लाते हैं। सर्दियों में रागी मिलेट है दूसरा बड़ा विकल्प
। रागी को महिलाओं के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन माना जाता है क्योंकि यह फाइबर से भरपूर है। ये हृदय रोग, एजिंग प्रॉब्लम, गठिया, शरीर में सूजन से जुड़ी समस्या और स्तन कैंसर जैसे रोगों को दूर करने में मदद करता है। आप इसे वेट लॉस डाइट में भी शामिल कर सकते हैं। प्रोग्राम में बीएनएफ की सुपोषण सखी सुपोषण सखी उर्मिला , रुकमणी आदिवासी ने कहा की आज हमको शक्ती शाली महिला संगठन की टीम ने मोटे अनाज को प्रदर्शित करके हर एक मोटे अनाज के फायदे बताए हम खुद मोटा अनाज उगाते है और अब पूरी दुनिया ने श्री अन्न का लोहा माना है इसका उपयोग करके अच्छा स्वास्थ तो मिल ही सकता है साथ साथ अच्छी आमदनी भी अर्जित की का सकती है प्रोग्राम में ग्रामीण महिलाओं एवम किशोरी बालिकाओं को मोटे अनाज के उपयोग से कई सारी पौस्टिक रेसिपी बनाकर आमदनी अर्जित की जा सकती है। प्रोग्राम में आंगनवाड़ी साहियका जसविंदर कौर ने बताया कि पहले वह काफी बीमार रहती थी उनको एनीमिया भी था मोटे अनाज के उपयोग से वह आज पूर्णता स्वस्थ है इसके साथ अनीमिया मुक्त भी हूं , किशोरी बालिकाओं संजना आदिवासी, रेशमा आदिवासी, शांति, रेनू ने भी मोटे अनाज के उपयोग करने के बारे में जानकारी प्राप्त की एवम उन्होंने अन्य किशाेरी बालिकाओं को भी प्रेरित करने का प्रण लिया।

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