भौंती। सनातन संस्कृति में पृथ्वी पर पाए जाने बाले बृक्षों को पूजनीय माना गया है ।हर बृक्ष की उपयोगिता को मान्य किया गया है वहीं आयुर्वेद में भी दुनिया मे पाई जाने बाली सभी वनस्पतियों को ओषधि माना गया है ।इन्ही में से तुलसी पौधा को धार्मिक और आरोग्य की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण पौधा माना जाता है ।हर घर मे तुलसी का पौधा लगाने के उधेश्य को लेकर वरिष्ठ समाजसेवी चौरासी क्षेत्रीय सभा के पूर्व कोषाध्यक्ष राकेश नीखरा श्रीमती बेबी नीखरा खोड़ बालों द्वारा दिनांक 25 दिसम्बर 2023 को तुलसी पूजन दिवस पर विशाल तुलसी पौधा वितरण कार्यक्रम काली माता मंदिर ,खड़ेश्वरी मंदिर ,राजेश्वरी मंदिर और पुराण पावर हाउस मंदिर पर आयोजित किया गया ।नीखरा ने बताया आज 5 सैकड़ा से अधिक तुलसी पौधों का वितरण किया गया है । आगे भी इसी तरह धार्मिक ,फूल और औषधीय पौधों को निःशुल्क वितरण करते रहेंगे । मान्यता है कि भारत मे फैल रही पश्चिमी संस्कृति को रोकने के लिए सनातनी संतो द्वारा 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन का आव्हान किया गया था ।तभी से हिन्दू धर्मावलंबियों द्वारा तुलसी पूजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । तुलसी का महत्व बताते हुए काली माता मंदिर के पुजारी कहते हैं कि तुलसी का धार्मिक, आयुर्वेदिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक महत्त्व है । साथ ही यह स्वास्थ्य व पर्यावरण-सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम है । जिस घर में तुलसी का वास होता है वहाँ आध्यात्मिक उऩ्नति के साथ सुख-शांति एवं आर्थिक समृद्धि स्वतः होती है । वातावरण में स्वच्छता एवं शुद्धता रहती है ।
भगवान नारायण देवर्षि नारदजी से कहते हैं : “वृन्दा, वृन्दावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी – ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं |
तुलसी वितरण में ये सहयोगी रहे
महेंद्र निगोतीबढ़ोरावाले ,संजय कनकनेफौजी ,जगदीश नोगरैया ,अविनाश नीखरा श्यामा डेयरी ,प्रभु दयाल पहारिया नावली वाले , गहोई धर्मशाला मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष भोगीलाल विलैया ,महासभा कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश बन्धु , विनोद सेठ , साहित्यकार प्रमोद भारती ,व्यापार मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश पहारिया , अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद नीखरा ,मंत्री सतीश नौगरैया ,रानू विलैया ,सुभाष सेठ ,राजू नगरिया ,मनोज रेजा ,नरेश तीतविलासी ,अरविन्द्र बेडर द्वारा सहयोग किया गया ।

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