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"बच्चों के तेज विकास के लिए जरूरी है अच्छा पोषण", बचपन का पोषण युवावस्था और बुढ़ापे के स्वास्थ्य का निर्धारण करता है

गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
*सरपंच अनुसुइया आदिवासी ने कहा
*आहार में जरूर शामिल हरी पत्तेदार सब्जियां
बच्चों को दें पौष्टिक आहार: केशव गोयल सीडीपीओ शिवपुरी
शिवपुरी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, बचपन का पोषण युवावस्था और बुढ़ापे के स्वास्थ्य का निर्धारण करता है। यही कारण है कि बच्चों को उस तरह के आहार देने पर जोर दिया जाता है जिससे उनके शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों की आसानी से प्राप्ति हो सके। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शक्ती शाली महिला संगठन रवि गोयल ने कहा कि बच्चों को विकास के दौरान प्रोटीन, कैल्शियम, स्वस्थ वसा, आयरन, विटामिन डी, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ये सभी पोषक तत्व शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ शरीर की लंबाई को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इसके लिए आज ग्राम कोटा के  आगनवाड़ी केंद्र पर शक्ति शाली महिला संगठन एवम महिला बाल विकास विभाग एवम ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बाल पोषण संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जिसमे मुख्य अतिथि  गांव की महिला सरपंच श्रीमती अनुसुइया आदिवासी ने कहा की  बच्चों के विकास के दौरान पोषक तत्वों का कमी के कारण उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यही कारण है कि उन्हें अनाज, फल, सब्जियां, डेयरी और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ अधिक से अधिक मात्रा में उपयोग किए जाने चाहिए।  सीडीपीओ केशव गोयल ने इस अवसर पर कहा की बच्चों के पोषण के लिए जरूरी है  की हितग्राही महिला बाल विकास विभाग की सभी सेवाओं का लाभ अवश्य लें इस कार्य में बीएनएफ की सुपोषण सखी समुदाय में जागरूकता लाने के साथ साथ हमारी आगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रही है इससे समुदाय में एक साकारात्मक संदेश जा रहा है उन्होंने कहा की प्रोटीन के अलावा, हड्डियों की बेहतर संरचना और मजबूती के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। डेयरी उत्पाद जैसे दही, पनीर, दूध और मक्खन में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। दूध स्वस्थ वसा, फास्फोरस और मैग्नीशियम प्रदान करता है जो बच्चे की लंबाई को बढ़ाने में मदद कर सकता है। एक गिलास दूध में करीब आठ ग्राम तक प्रोटीन होता है, जो मांसपेशियों के निर्माण में भी सहायक है उन्होंने उपस्थित समुदाय से गांव की किशोरी बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने की अपील की साथ ही उन्होंने न्यूट्रीशियन चैंपियन मुस्कान आदिवासी, प्रतिज्ञा आदिवासी, वर्षा आदिवासी , रश्मि आदिवासी एवम निकिता आदिवासी से पोषण संवाद में चर्चा की एवम एनीमिया रोकने के लिए किए जा रहे नवाचार को सराहा। सुपोषण सखी रश्मि आदिवासी ने इस संवाद में कहा की हमारे समुदाय में हम सब बच्चो का नियमित वजन करते है एवम टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करते है। साथ ही गर्भबती माताओं को आईएफए एवम कैल्शियम की गोली नियमित सेवन करने की सलाह दी जाती है उन्होंने कहा की साप्ताहिक बच्चो के हाथ धुलाई, नाखून काटना एवम साफ सफाई पर जानकारी दी जाती है प्रोग्राम में आगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा धाकड़ ने कहा की हम अपने आगनवाड़ी पर बच्चो को अनौपचारिक शिक्षा भी देते है इससे बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है साथ ही बच्चे खेल खेल में अनेक उपयोगी जानकारी प्राप्त करते है। इस संवाद में श्रीमती अंसुईया आदिवासी सरपंच,रश्मि आदिवासी सुपोषण सखी,आशा धाकड़ कार्यकर्ता, संदीप कौर सहियाका ,मुस्कान आदिवासी , किशोरी  प्रतिज्ञा आदिवासी रामबेटी महिला, रेनू महिला, सगुना सरस्वती महिला, गायत्री महिला
निकिता महिला, मीरा महिला, कांसा महिला , कविता महिला के साथ स्कूल के टीचर ने भाग लिया।









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