इसके बाद मां ने कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत की। अब कॉलेज प्रशासन ने महिला उत्पीड़न समिति को जांच सौंपी है। यह मामला झालावाड़ के मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट का है। जिसकी एक पांच सदस्यीय कमेटी ने जांच शुरू कर दी है।
दो महीने पहले ही लिया था एडमिशन
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल शिव भगवान शर्मा ने बताया- छात्रा ने 2 महीने पहले अक्टूबर माह में कॉलेज में एडमिशन लिया था। वह फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट में फर्स्ट ईयर की छात्रा थी और यही हॉस्टल में रह रही थी।
5 दिसंबर को छात्रा की मां ने मेल पर पूरी जानकारी दी। छात्रा ने इस बारे में 12 दिसंबर को मुझे लिखित शिकायत दी। इसके बाद मामले की जांच महिला उत्पीड़न समिति को सौंप दी है। अब 5 कार्मिकों की कमेटी जांच कर रही है। इसमें ऋचा शर्मा सहित 5 सदस्य है। इनमें एक एनजीओ और तीन मेडिकल सदस्य भी शामिल है। गुरुवार तक इसकी रिपोर्ट आ जाएगी।
शिकायत में छात्रा ने गंभीर आरोप लगाए
छात्रा ने अपनी लिखित शिकायत में कहा- प्रवेश के कुछ दिनों बाद ही फिजियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. श्रीकांत शेट्टे मुझ पर फ्रेंडली होने का दबाव बनाने लगे। वह मुझे अपने चेंबर में बुलाते और हमेशा मेरे साथ डबल मीनिंग वाली बात करते। हमेशा मुझे गंदी निगाहों से घूरते और मौका मिलने पर बेड टच करते थे।
डॉ. शेट्टी ने कई बार एप्रिन उतारने के लिए मुझ पर दबाव भी बनाया। जब डॉ. शेट्टे की बातों और गंदी हरकतों पर मैंने कोई रिस्पांस नहीं दिया और उनका विरोध किया तो उन्होंने मुझे कई तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। वे अन्य पीजी स्टूडेंट्स के सामने मेरा मजाक उड़ाने लगे।
साथियों ने मदद करने से कर दिया इंकार
स्टूडेंट ने बताया- मैंने इस बात की जानकारी साथी स्टूडेंट्स को बताई, लेकिन उन्होंने डॉ. शेट्टे की धमकियों से डरकर मेरी मदद करने से मना कर दिया। डॉ. शेट्टे मेरे साथी स्टूडेंट्स को मदद करने पर उनकी सैलरी बंद करने की धमकी देते थे।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. शिव भगवान ने बताया- उन पर कोर्ट का मैटर पहले से लागू है। इसके कारण उनको हटाया नहीं जा सकता, लेकिन समिति निष्पक्ष तरीके से अपनी जांच पूरी करेगी। एचओडी डॉ. श्रीकांत शेट्टे करीब 11 साल से मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं। अगर मामला पुलिस से जुड़ा निकला तो वह भी कार्रवाई करेगी, लेकिन जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसके बारे में पता चलेगा।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें