तहसीलदार कुलदीपक दुबे ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्री की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। कुछ दिन पहले उनके पास नामांतरण का एक मामला आया था।
नामांतरण के दौरान खुलासा हुआ कि यह रजिस्ट्री फर्जी लिखी गई है। रजिस्ट्री को संजू कुलश्रेष्ठ ने की है। जब छानबीन की तो पता लगा कि मुरैना शहर के गोपालपुरा में एक फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय संचालित हो रहा है।
गुरुवार दोपहर 12.30 बजे तहसीलदार कुलदीपक दुबे, टीआई कोतवाली सुनील खेमरिया को साथ लेकर गोपालपुरा की दीक्षित गली में भदौरिया निवास पर पहुंचे। कोतवाली थाना इंचार्ज शिवम चौहान ने छापा मारा तो मौके से इस फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी लक्ष्मी प्रसाद कुलश्रेष्ठ पुत्र रामेश्वर निवासी गोपालपुरा भाग निकला। यह फर्जी कार्यालय गिरफ्तार आरोपियों में शामिल भूपेंद्र भदौरिया पुत्र देवेंद्र भदौरिया के मकान में संचालित हो रहा था।
41 रजिस्ट्रियां और 20 सील जब्त किया
छापेमारी में 41 रजिस्ट्रियां व उप-पंजीयक से लेकर अन्य अफसरों के नाम की 20 सील जब्त की गई हैं। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में आरोपी संजू के खिलाफ धोखाधड़ी कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा कायम किया है। जिस मकान में यह ऑफिस संचालित किया जा रहा था, उसके मालिक ने किराए पर कमरा देने की बात कही। राजस्व व पुलिस टीम ने पंचनामा बनाकर संजू कुलश्रेष्ठ के कमरे की तलाशी ली। पुलिस ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड के दस्तावेज भी जब्त किए। दोनों दस्तावेज संजू के हाथ कैसे लगे, पुलिस इसकी जांच कर रही है।

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