शिवपुरी, 12 जनवरी 2024। अंतिम पायदान के तबकों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही हैं। इसी अंतर्गत प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान अतिपिछड़े जनजातीय समुदाय के लिए एक दूरदर्शी पहल साबित हो रही है।
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की हातोद पंचायत में निवासरत सहरिया बूंदा आदिवासी लम्बे समय से शारीरिक परेशानियों के कारण बिस्तर से नहीं उठ पाती थी उनके पति हरजीता आदिवासी ही उनकी देखभाल कर रहे थे चूँकि वृध्द होने के कारण बूंदा के पति हरजीता के पास आय के कोई खास साधन नहीं होने के कारण आर्थिक स्थिति दयनीय थी , चूंकि बूंदा आदिवासी चल फिरने में असमर्थ होने के कारण एवं फिंगर मैच ना होने के कारण उनको किसी भी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी को जब इस बारे में पता चला तब उन्होंने तत्काल लीड बैंक मैनेजर को पूरी टीम के साथ हातोद पहुंचकर बूंदा आदिवासी का खाता खोलने के निर्देश दिए। तत्पश्चात शिवपुरी जनपद सीईओ ने पेंशन के साथ ही पोषण आहार अनुदान योजना भी स्वीकृत की है।
जब इसकी खबर प्रशासन ने बूंदा आदिवासी और उनके पति को दी कि अब बूंदा बाई को हर महीने 1500 पोषण आहार अनुदान और 600 रूपए पेंशन के मिलेंगे तो पतिपत्नी दोनों के आँखों में आंसू आ गए और उन्होंने आंसू भरी आँखों से प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद व्यक्त किया।

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