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अपहरण एवं बलात्संग के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024

/ by Vipin Shukla Mama
गुना। अपहरण एवं बलात्संग के आरोपी को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती मोनिका आध्या 10 वर्ष के के सश्रम कारावास एवं 6000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया है अपर लोक अभियोजक राकेश व्यास ने बताया कि दिनांक 21 अगस्त 2020 को सूचना करता अभियोग्यत्री के पिता ने हमराह अपनी पत्नी के साथ थाना आकर रिपोर्ट की की उसकी लड़की ग्राम अजरोरा थाना फतेहगढ़ ब्याही  थी जिसे 2 दिन पहले उसका भांजा रानू सहरिया निवासी खड़कपुर का उसकी ससुराल ग्राम अजरोरा से हरियाली त्यौहार के चलते घर लाया था दिनांक 20/07 /20 को उसके पड़ोसी रामदयाल सहरिया के नाती के जन्मदिन का कार्यक्रम था जिसमें शामिल होने के लिए करीब 9:00 बजे उसकी पत्नी व उसके बच्चे गए थे तथा उसके साथ उसकी लड़की भी गई थी करीबन 11:00 बजे उसकी पत्नी व उसके बच्चे कार्यक्रम से घर वापस आ गए थे लेकिन उसकी लड़की घर वापस नहीं आई थी काफी देर तक जब वह वापस नहीं आई तो वह तथा उसकी पत्नी उसे देखने गए तो उसकी लड़की वहां नहीं मिली थी फिर उन्होंने रामदयाल के घर के आसपास पता किया कोई पता नहीं चला बाद रात में आसपास ढूंढते रहने एवं साधन नहीं होने से रिपोर्ट  करने रात में नहीं  आ सके सुबह  थाने आकर रिपोर्ट की थी जिस पर से थाने के गुम इंसान क्रमांक 28 / 20 कायम कर जांच में लिया गया उक्त रिपोर्ट पर से जांच करने पर दिनांक 23/7/ 2020 को गुमशुदा अभियोक्त्री को थाने में उपस्थित होने पर दस्तयाव कर कथन लेख किए गए जिसमें उसने  बताया दिनांक 20/7 /20 को रात्रि में करीब 11:00 बजे घर से बाहर बाथरूम जाने पर बृजेश सहरिया द्वारा मुंह दबाकर जान से मारने की धमकी देकर जबरदस्ती अपने साथ ले जाना एवं खेतों पुलिया के नीचे जंगल में दिनांक 22/7/20 के सुबह 4:00 बजे तक रखना और बलात्कार करना बताया था बाद पूछताछ अभियोक्त्री  को उसके परिजनों को सुपुर्द किया गया पीड़िता के कथनों के आधार पर आरोपी बृजेश सहरिया के विरुद्ध थाना धरनावदा के अपराध क्रमांक 381 / 2020 धारा 376 (2 )(N) 506 भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज प्रकरण विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान अभियोक्त्री का मेडिकल परीक्षण कराया गया अभियोक्त्री एवं साक्षीगण के कथन लेख  किये गए अभियोक्त्री  के धारा 164  भारतीय दंड संहिता के कथन न्यायालय में  कराए गए अभियुक्त  को गिरफ्तार कर मेडिकल एवं डीएनए परीक्षण हेतु सैंपलिंग कार्रवाई कर जप्तशुदा सैंपलों को डीएनए परीक्षण हेतु ड्राफ्ट के माध्यम से एफ.एस.एल. सागर भेजा गया प्रकरण में धारा 366 आईपीसी का भी अपराध घटित होना पाए जाने से उक्त  धारा का इजाफा कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया न्यायालय  के सत्र वाद क्रमांक 123/2020 पर दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण का विचारण  प्रारंभ हुआ न्यायालय में प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा प्रकरण को न्यायालय में अभियोजन की कहानी के अनुसार प्रमाणित किया गया प्रकरण में जांच हेतु भेजे गए डीएनए सैंपल पॉजिटिव पाए गए अभियोजन पक्ष तथा बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय ने माना की अभियोजन न्यायालय में घटना को  संदेह से परे यह प्रमाणित करने में सफल रहा है की घटना दिनांक को आरोपी के द्वारा पीड़िता की मर्जी के बगैर उसका अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया गया है न्यायालय द्वारा आरोपी बृजेश सहरिया को भारतीय जन संहिता की धारा 366 के अंतर्गत 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹3000 के अर्थ दंड से दंडित किया एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (२)(N)के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹3000 के अर्थ दंड से दंडित किया गया।











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