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धमाका बड़ी खबर: न्यायालय शिवपुरी एवं शिवपुरी पुलिस की विशेष मोबाइल कोर्ट में 45 स्कूली वाहनों की पड़ताल, 25 में मिली कमियां, भरना होगा जुर्माना

शनिवार, 10 फ़रवरी 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। सड़क दुर्घटनाओं में स्कूली बच्चों की जीवन रक्षा एवं सुरक्षित यातायात हेतु माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी स्कूली बसों संबंधी गाइडलाइन के पालन हेतु आज दिनांक 10/02/2024 को माननीय न्यायालय शिवपुरी एवं शिवपुरी पुलिस द्वारा विशेष मोबाइल कोर्ट का आयोजन शहर के प्रमुख चौराहों पर किया गया। इस दौरान लगभग 45 स्कूल परिवहन वाहनों को चेक किया जाकर आवश्यक सुधार हेतु निर्देश प्रदान किये गये साथ ही नियमों का पालन न करने वाले लगभग 25 वाहन चालकों, मालिकों को न्यायालय में पेश कर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
आमजनों की जागरुकता हेतु स्कूली बसों में सुरक्षित परिवहन हेतु निर्धारित गाइडलाइंस निम्नानुसार है।
बसों के आगे पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए ।
स्कूली बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स की व्यवस्था होनी चाहिए ।
प्रत्येक बसों में गति नियंत्रक एवं आग बुझाने के उपकरण होने चाहिए ।
अगर किसी एजेंसी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर "ऑन स्कूल ड्यूटी लिखी होनी चाहिए ।
बसों में सीट क्षमता से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए ।
प्रत्येक स्कूल बस में हॉरीजोन्टल ग्रिल लगे होंने चाहिए साथ ही प्रवेश एवं निर्गम हेतु प्रथक-प्रथक दरवाजे होने चाहिए ।
स्कूल बस पीले रंग का हो, जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम और फोन नंबर होना चाहिए।
बसों के दरवाजे को अंदर से बंद करने की व्यवस्था होनी चाहिए ।
बस में सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए ।
बसों में टीचर, प्रशिक्षित परिचालक जरूर होने चाहिए, जो बच्चों पर नजर रखें।
प्रत्येक बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव हो ।
किसी भी ड्रायवर को रखने से पहले उसका सत्यापन जरूरी है एक बस में कम से कम दो चालक होने चाहिए।
चालक का कोई चालान विशेषकर रेड लाइट जम्पिंग, ऑवरस्पीडिंग, शराब पीकर वाहन चालन, खतरनाक ढंग से
वाहन चालन नही होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज हो ।
स्कूल बस जीपीएस सिस्टम एवं सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य है साथ ही बच्चों की सुरक्षा हेतु ट्रान्सपोर्ट मैनेजर की नियुक्ति आवश्यक रूप से की जावे ।
साथ ही स्कूल बस में बच्चों के परिवहन के समय अभिभावकों को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए ।
ध्यान रखें बस ड्रायवर नशे में तो नहीं है।
बस रूकने के बाद ही चढ़ना उतरना चाहिए विशेषकर बच्चों को बस के आगे अथवा पीछे से नहीं निकलना चाहिए साथ ही बस से बच्चों को चढ़ाने एवं उतारने हेतु जिम्मेदार शख्स होना चाहिए । अभिभावक यह भी देखें कि क्या उनके बच्चों को बस में पर्याप्त जगह मिल रही है अथवा नही ।
स्कूली बसों के द्वारा सुरक्षा संबंधी नियमों को पालन किया जा रहा है अथवा नहीं।











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