अब तक 5 लोगों को बचाया गया है। इन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अफरवाट चोटी से लगे खिलान मार्ग पर गुरुवार (22 फरवरी) दोपहर 2 बजे यह बर्फीला तूफान आया। सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की एक पेट्रोलिंग टीम रेस्क्यू अभियान चला रही है। यह एवलांच ढलान पर हुआ, जिसमें कई स्कीयर फंस गए। रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे अधिकारियों ने बताया कि विदेशी टूरिस्ट, स्थानीय निवासियों के बिना स्की ढलानों पर गए थे। इसलिए जब तूफान आया तो वे संभल नहीं सके।
दो दिन पहले जारी हुआ था अलर्ट
पिछले दिनों हिमालय में हो रही बर्फबारी के बीच मौसम विभाग ने दो दिन पहले ही एवलांच को लेकर चेतावनी जारी की थी। जम्मू और कश्मीर डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने 10 जिलों के लिए छोटे से लेकर बड़े और भयानक एवलांच हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी। अधिकारियों का कहना था कि अनंतनाग और कुलगाम में कम खतरे वाला एवलांच आएगा।
इसके अलावा डोडा, किश्तवाड़, पुंछ, रामबन, बांदीपोरा, बारामूला, कुपवाड़ा और गांदरबल जिलों के लिए मीडियम लेवल के एवलांच की चेतावनी जारी की गई थी।
हिमस्खलन या एवलांच क्या होता है?
बर्फ या पत्थर के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन या एवलांच कहते हैं। हिमस्खलन के दौरान बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य चीजें किसी पहाड़ से नीचे की ओर
तेजी से फिसलती हैं। हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती हैं। इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की ओर गिरने लगती हैं। हिमालय के कुछ हिस्सों में इन दिनों बर्फबारी हो रही है। जिसके चलते छोटे और बड़े कई एवलांच (हिमस्खलन) भी हो रहे हैं। एक बड़े और पूरी तरह से विकसित हिमस्खलन का वजन 10 लाख टन या 1 अरब किलो तक हो सकता है। पहाड़ों से नीचे गिरने के दौरान इसकी स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे से 320 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा हो सकती है।

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