सर्वे का काम पूरा
मथुरा। बांके बिहारी के लाखों भक्त अब भीड़ से निजात पा सकेंगे। उन्हे भीड़ से अलग होकर दर्शन मिल सकेंगे। ये दावा हैं उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद का। जिसका कहना है कि योजना पर चार महीने में काम शुरू होगा। बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने के लिए दो रोपवे तैयार कराए जाएंगे। एक मार्ग छटीकरा से विद्यापीठ चौराहा तक और दूसरा सौ शैया अस्पताल से अटल्ला चुंगी होते हुए विद्यापीठ चौराहा तक आएगा। सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। इस तरह मथुरा वृंदावन में श्रद्धालुओं को जल्द ही जाम से मुक्ति मिलेगी। भीड़ के दबाव से मुक्ति के स्थायी समाधान की योजना बनाई गई है। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर पहुंचने के लिए रोपवे की व्यवस्था होगी।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद का कहना है कि योजना पर चार महीने में काम शुरू होगा। बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने के लिए दो रोपवे तैयार कराए जाएंगे। एक मार्ग छटीकरा से विद्यापीठ चौराहा तक और दूसरा सौ शैया अस्पताल से अटल्ला चुंगी होते हुए विद्यापीठ चौराहा तक आएगा।
सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। अब डीपीआर तैयार करने के लिए कंपनी का निर्धारण होना है। डीपीआर को अनुमति मिलने के बाद काम शुरू होगा। श्रद्धालु पार्किंग में वाहन खड़ा करने के बाद रोपवे से दर्शन करने जा सकेंगे। इससे समय की भी बचत होगी।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नगेंद्र प्रताप का कहना है कि वृंदावन में दो रोपवे का प्रस्ताव तैयार किया गया है। शासन से अनुमति मिलने पर कार्य शुरू हो सकेगा।
बरसाना में भी शुरू होना है रोपवे
बरसाना में लाडलीजी मंदिर भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित है। यह अरावली श्रृंखला का ही एक हिस्सा है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए कई सीढि़यां चढ़नी होती हैं।
इसके लिए रोपवे की योजना 2016 में तैयार की गई थी। इस परियोजना पर 15.5 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। यह रोपवे पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। ग्राउंड कार्य लगभग पूरा हो चुका है। बरसाना में बन रहा रोपवे करीब 216 मीटर लंबा और 33 मीटर ऊंचा है। यहां इसी वर्ष रोपवे शुरू करना है।

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