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धमाका बड़ी खबर: नरवर के लखना तलब को वेटलैंड का दर्जा फिर भी उस पर अवैधानिक निर्माण और कब्ज़ा

बुधवार, 28 फ़रवरी 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। जिले की तीन जल संरचनाओ को वेटलैंड का दर्जा दिया गया है – सांख्य सागर, जाधव सागर और नरवर का लखना तालाबI लेकिन खेद की बात यह है कि यह तीनो जल संरचनाओं के संरक्षण को लेकर प्रशासन और नागरिकों का एक उदासीन रवैया देखा जा सकता है जिसके फलस्वरूप यह सारी जल संरचना ख़तम होने की कगार पर हैंI
नरवर नगर में स्थित वेटलैंड - लखना तालाब जो कि पार वाली माता तालाब के नाम से भी जाना जाता है - वहाँ पर गोविन्द महेश्वरी पुत्र मनोज महेश्वरी के द्वारा दमयंती रिसोर्ट का निर्माण किया जा रहा है जो कि तालाब की पार को हटाकर, बिलकुल तालाब के ऊपर निर्माण किया जा रहा हैI इस बात पर स्थानीय निवासी द्वारा आवेदन एवं आपत्ति तहसीलदार, एसडीएम एवं कलेक्टर को दिए गए लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही की गई हैI
वेटलैंड के लिए भारत सरकार द्वारा बनाये गए 2017 के *नियम 4 के अनुसार किसी भी वेटलैंड की पार से 50 मीटर के क्षेत्र में कोई भी पक्का निर्माण नही किया जा सकता है* एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा WP 230/2001 में भी अपने निर्णय में यह साफ़ निर्देश दिए गए हैं कि वेटलैंड नियम 2017 का कड़ाई से पालन किया जाएI
खास बात यह है कि प्रत्येक जिले में वेटलैंड के संरक्षण और प्रबंधन के लिए मप्र शासन द्वारा वर्ष 2022 में *जिला वेटलैंड संरक्ष्ण समिति* बनाने के निर्देश दिए थे और इस समिति का मुख्य कर्त्तव्य जिला स्तर पर तालाबों से समग्र संरक्षण के लिए समुचित कार्यवाही करना हैI इस समिति में जिला कलेक्टर को अध्यक्ष एवं सीईओ जिला पंचायत को सदस्य सचिव बनाया गया हैI
नरवर के देवेन्द्र चौरसिया द्वारा यह मामला लोक उपयोगी लोक अदालत में लगाया गया है जिसमें एडीजे अर्चना सिंह द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए संज्ञान लिया गया एवं नोटिस जारी किये गये हैं जिसमे आश्चर्यजनक है कि नगर परिषद नरवर, तहसीलदार नरवर एवं एसडीएम करैरा द्वारा बिना मौके पर जाए यह जवाब दे दिया गया कि तालाब पर कोई अतिक्रमण नही है और न ही कोई अवैधानिक निर्माण हैI इसपर अधिवक्ता आदित्य श्रीवास्तव द्वारा आपत्ति दर्ज करवाते हुए रजिस्ट्री के कागज़ में तालाब की पार लिखा होने बताया लेकिन धरातल जो वर्तमान में गायब हैI माननीय अदालत द्वारा कलेक्टर को निर्देशित किया है कि वो इस भूमि का सीमांकन मौके पर एवं रजिस्ट्री रिकॉर्ड के आधार पर करके एक प्रतिवेदन अगली तारिख 07 मार्च 2023 को पेश करेंI










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