शिवपुरी 25 फरवरी। न्यायालय श्रीमान जे0एम0एफ0सी0 श्री जितेन्द्र मेहर द्वारा इरफान खान पुत्र युनुस खान को 1 लाख रूपये के चैक बांउस मामले में परिवादी द्वारा आरोप सिद्ध होने के कारण 3 माह के साधारण कारावास की सजा एवं 1.24.000/-रूपये की प्रतिकर राशि से दण्डित किया है। परिवादी की ओर से पैरवी भरत ओझा एडवोकेट द्वारा की गई है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी घनश्याम सैन पुत्र मातादीन सैन निवासी वीर सावरकर कॉलोनी शिवपुरी से इरफान खान पुत्र युनुस खान निवासी दिल्ली दरबार मस्जिद के पास वाली गली शिवपुरी होटल के सामने शिवपुरी ने 1 लाख रूपये बतौर ऋण उधार तीन माह के लिये प्राप्त किये थे। परिवादी द्वारा परिवादी ने इरफान से 1 लाख रूपये की मांग की गई थी तो इरफान ने परिवादी को अपने बैंक का चैक दिया था। जिसे परिवादी ने अपने बैंक में प्रस्तुत किया तो उक्त चैक बिना भुगतान के बैंक से बाउंस हो गया था। इसके पश्चात परिवादी ने अपने अधिवक्ता भरत ओझा के माध्यम से रजिस्टर्ड नोटिस जारी किया था जिसे अभियुक्त ने प्राप्त करने के पश्चात भी उक्त नोटिस का कोई जबाव नहीं दिया और न ही परिवादी से ली गई धन राशि अदा की। इसके बाद परिवादी ने माननीय न्यायालय समक्ष आरोपी के विरूद्ध धारा 138 नेगोसियेबल इनस्टूमेंट एक्ट के तहत चैक अनादरण का दावा प्रस्तुत किया गया था और अपनी साक्ष्य कराई गई। दोनों अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया जिसमें माननीय न्यायालय जे0एम0एफ0सी0 द्वारा प्रकरण में परिवादी द्वारा आरोपी को 1 लाख रूपये देना प्रमाणित पाया था तथा अभियुक्त द्वारा दिया गया चैक वैध रूप से वसूली योग्य ऋण या दायित्व के उन्मोचन के लिये दिया गया था। इस कारण आरोपी इरफान खान को धारा 138 नेगोसियेबल इंस्टूमेंट के तहत दोषी पाते हुये 3 माह का कारावास एवं प्रतिकर के रूप में 1.24.000/-रूप्ये किया गया।

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