Responsive Ad Slot

Latest

latest

प्रसव और प्रसवोत्तर अवधि के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए: रवि गोयल सामाजिक कार्यकर्ता

शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2024

/ by Vipin Shukla Mama
मोहमदपुर टपरा में समुदाय के साथ महिला स्वास्थ पर की चर्चा
* अधिकतर धात्री माताएं खून की कमी से ग्रसित मिली
शिवपुरी। मातृ स्वास्थ्य से तात्पर्य गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर अवधि के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य से है। इसी उद्वेश्य को लेकर आज शक्ति शाली महिला संगठन शिवपुरी , ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन एवम महिला बाल विकास विभाग द्वारा मोहम्मदपुर के टपरा पर आधा सैकड़ा समुदाय की महिलाओ के साथ  महिला स्वास्थ पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गांव की सरपंच शारदा आदिवासी के मुख्य आतिथ्य में किया गया जिसमे अधिकत्तर धात्री माताएं खून की कमी से ग्रसित पाई गई। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने कहा की  प्रत्येक चरण एक सकारात्मक अनुभव होना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि महिलाएं और उनके बच्चे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकें।  हालाँकि पिछले दो दशकों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, मातृ चोट और मृत्यु के सबसे आम प्रत्यक्ष कारण अत्यधिक रक्त हानि, संक्रमण, उच्च रक्तचाप, असुरक्षित गर्भपात और बाधित प्रसव, साथ ही एनीमिया, मलेरिया और हृदय रोग जैसे अप्रत्यक्ष कारण हैं। धर्म गिरी गोस्वामी ने कहा की 
सहायक वातावरण में काम करने वाले कुशल स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा समय पर प्रबंधन से अधिकांश मातृ मृत्यु को रोका जा सकता है। 
रोकी जा सकने वाली मातृ मृत्यु को ख़त्म करना वैश्विक एजेंडे में सबसे ऊपर रहना चाहिए। साथ ही, केवल गर्भावस्था और प्रसव से बचे रहना कभी भी सफल मातृ स्वास्थ्य देखभाल का सूचक नहीं हो सकता। स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए मातृ चोट और विकलांगता को कम करने के प्रयासों का विस्तार करना महत्वपूर्ण है। शारदा आदिवासी सरपंच ने कहा की गांव की महिलाओ को आईएफए एवम अन्य जरूरी दवाएं मजरे टोले पर सरकार को अनिवार्य रूप से देना चाहिए क्योंकि धात्री माताओं को प्रसव के बाद बहुत ज्यादा कमजोरी रहती है एवम बच्चो को स्तनपान कराती है इसीलिए इनको आयरन कैल्सियम एवम अन्य मल्टी विटामिन की गोली अनिवार्य रूप से एएनएम आशा के द्वारा आगनवाड़ी केन्द्रों से लेकर मजरे टोले तक देना चाहिए इससे महिला स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धा जादौन ने कहा की प्रत्येक गर्भावस्था और जन्म अद्वितीय होता है। स्वास्थ्य परिणामों, विशेष रूप से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों और लिंग को प्रभावित करने वाली असमानताओं को संबोधित करना यह सुनिश्चित करने के लिए मौलिक है कि सभी महिलाओं को सम्मानजनक और उच्च गुणवत्ता वाली मातृत्व देखभाल तक पहुंच प्राप्त हो प्रोग्राम में धात्री माताओं के एचबी की जांच करने पर अस्सी प्रतिशत माताएं एनीमिक पाई गई। क्रायक्रम में मुख्य रूप से शक्ति शाली महिला संगठन एवम आगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ  समुदाय के अजय–सुंदर देवेन्द्र आदिवासी
प्रज्ञा–सुंदर/देवेन्द्र
खुशी –हल्की , भजन
केतिका–सजई/ दामोदर
अनन्या –बेटी, रविंद्र
देवराज –सुमन,सुनील
तनीषा –रचना –गोविंदा
रागनी –गुड्डी,भुजबल
निशा –रानी ,अर्जुन 
दीपाली –लक्ष्मी /दीपक
राजू–पूजा ,संतोष ने सक्रिय सहभागिता अदा की।











कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129