शिवपुरी। ईवीएम हटाकर पीएम मोदी आपने मत पत्र से चुनाव कराया तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आप प्रधानमंत्री नहीं बनोगे। ईवीएम ही इनका सबसे बड़ा हथियार है। इनको पता है ईवीएम से ही सत्ता है।
दिग्विजय सिंह मंगलवार को शिवपुरी दौरे पर आए, राहुल गांधी की न्याय यात्रा की तैयारी को लेकर कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे। शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे जब पूछा गया कि 'लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटें कितनी आएंगी?' इस पर उन्होंने कहा, अगर पीएम नरेंद्र मोदी में साहस है, हिम्मत है तो जनमत के आधार के लिए बैलेट पेपर से चुनाव करा कर देख लें। उन्हें पता लग जाएगा कितनी सीटें आएंगी। मैं उन्हें चुनौती देता हूं। अयोध्या राम मंदिर को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा, भाजपा कहती है कि 500 साल बाद रामलला को लाए हैं। जब इतने साल बाद राम को ला सकते हो तो देश के करोड़ों रुपए लूटकर भागे नीरव मोदी और विजय माल्या को वापस क्यों नहीं ला पा रहे। उन्होंने कहा, रामलला की लड़ाई भाजपा ने नहीं, 1850 से निर्मोही अखाड़ा ने लड़ी थी। फिर 1925 में आरएसएस बनी, 1950 जनसंघ बना, 1965 विश्व हिंदू परिषद बनी, 1980 भाजपा बनी। तब इनका राम मंदिर का मुद्दा था ही नहीं। राम मंदिर मुद्दा 1984 में बना, जब भाजपा के चुनाव में दो सदस्य रह गए थे। तब से अब तक हिंदू-मुस्लिम को लड़वा रहे हैं। इनका मुख्य उद्देश्य राम मंदिर को बनाना नहीं, मस्जिद को गिराना था। जिस मस्जिद को गिराकर भाजपा देश में नफरत फैलाने का काम कर रही थी। वहां मंदिर का निर्माण नहीं हुआ। जो स्थान कांग्रेस के शासन में स्वीकृत किया गया था, मंदिर वहीं बना है।
इधर ग्वालियर में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मशीह मामले पर कहा
ग्वालियर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मशीह मामले पर कहा कि चंडीगढ़ महापौर का निर्णय जो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, हम उन्हें बधाई देते हैं, धन्यवाद देते हैं, कि उन्होंने बहुत दिनों बाद हमें ऐसा लगा, कि जहां नियम कानून और संविधान को बलाए ताक रख दिया गया था, वहां सुप्रीम कोर्ट ने इन सब बातों का ध्यान रखते हुए ये फैसला दिया है,ईवीएम पर उठ रहे सवालों को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं तो इस मामले में आज से नहीं 2003 से खिलाफ हूं, और अब जनता में ये बात घर करती जा रही है,
ईवीएम से निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता है,

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