इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 74 लोग झुलस गए हैं। इनमें 11 को रेफर किया गया है, बाकी 63 जिला अस्पताल में भर्ती हैं। फैक्ट्री करीब डेढ़ एकड़ में फैली है। यहां 300 से ज्यादा लोग काम करते हैं। फैक्ट्री में काम करने वाले करीब 40 परिवार अस्थाई निर्माण कर यहीं पर रह रहे थे। महीने भर पहले हुई फैक्टी की जांच में सामने आया था कि यह अवैध रूप से संचालित हो रही थी। पूर्व में हुई कुछ शिकायतों के बाद इस फैक्ट्री को जांच के बाद सील भी किया गया था। फैक्ट्री पट्टे की जमीन पर चल रही थी, जिसे राजेश अग्रवाल उर्फ राजू, सोमेश अग्रवाल उर्फ सोमू और प्रदीप अग्रवाल की पार्टनरशिप में चलाया जा रहा था। जो कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। वहीं, इन दलों को चुनाव में फैक्ट्री मालिकों के द्वारा फंडिंग करने की बात भी सामने आ रही है। फैक्ट्री के अवैध संचालन को लेकर फिलहाल स्थानीय सिविल लाइन थाना की पुलिस और जिला प्रशासन की भूमिका भी संदेहास्पद दिखाई दे रही है। हरदा के मगरधा रोड पर स्थित जिस पटाखा फैक्टरी में मंगलवार को ब्लास्ट हुआ, वहां की कई बार शिकायतें भी हुई थीं तो वहीं तीन साल पहले भी यहां एक हादसा हुआ था। तब हादसे में एक ही परिवार की तीन महिलाओं की मौत हुई थी, जिस पर इस फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल को जेल भी जाना पड़ा था। उसके बाद ही तत्कालीन एसपी ने फैक्ट्री के लाइसेंस को अवैध घोषित कर निरस्त करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा था। उस समय जिला कलेक्टर ने इसे अनफिट भी घोषित करते हुए सील किया था। लेकिन बाद में नर्मदापुरम के संभागायुक्त ने इसे वापस बहाल कर दिया।

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