
धमाका डिफरेंट: मासूम उत्सव हम तुम्हें न भूल पाएंगे, 11 साल हुए बिछड़े, एक आरोपी अब भी फरार
शिवपुरी। नगर के हेप्पिडेज का छात्र मासूम उत्सव आज से ठीक ग्यारह साल पहले हम सभी को छोड़कर चला गया। पांच मार्च आते ही धड़कनों में रक्त संचार थमता सा जान पड़ता हैं क्योंकि उत्सव गोयल की मौत साधारण नहीं बल्कि क्रूरता पूर्वक की गई थी। खेलने कूदने की उम्र में उसे एक जहरीले अंकल की दोस्ती का ऐसा सबक मिला जिसे सोचकर भी रूह कांप जाती हैं। हर दिन स्कूल से आते जाते जिस स्कूल वैन ड्राइवर को वह अपना दोस्त समझने लगा था दरअसल वही भेड़िया उसको अगवा कर फिरौती वसूलना चाहता था। यही कारण रहा की वह जब जल मंदिर स्थित घर से ट्यूशन के लिए निकला तो उसे स्कूल वैन के चालक ने दोस्ती का हवाला देकर अगवा कर लिया। उसकी साजिश में कुछ और दरिंदे शामिल थे। इधर शिवपुरी में कई सालों से कोई अपहरण की घटना नहीं हुई थी जिससे पुलिस ने मामले को सीरियस नहीं लिया। दवाब बढ़ने पर जब आरोपी उठाए गए तो सिफारिश पर उनको थाने से घर चले जाने दिया। इसी बीच एक मीडिया समूह की भारी भूल से जब उत्सव की आरोपियों के साथ लोकेशन का प्रकाशन किया गया तो उसी सुबह खबर पढ़कर अमोला पुल के विहंगम पानी में उसकी हत्या कर लाश को पत्थर से डूबा दिया गया। बाद में पुलिस लकीर पीटती रही लेकिन उत्सव को शिवपुरी खो चुकी थी। फिर शहर की आवाम इस कदर खफा हुई की उसे जो समझ आया वही किया। पथराव, थाने में आगजनी और वो सब हुआ जिसे सुनकर आज भी ह्रदय कांप जाता हैं। समय गुजरा आरोपी पकड़े गए लेकिन मुख्य आरोपी आज भी लापता हैं जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक सवाल बना हुआ हैं। इधर उत्सव के माता पिता ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और इंदौर जा बसे। उत्सव के चाचा भूपेंद्र आदि आज भी शिवपुरी में निवास करते हैं। हर साल उत्सव याद आता हैं और नगर के सैकड़ों जनों की अखियां भिगो जाता हैं। उसकी आत्मा को भगवान शांति दे और उन हत्यारों को दोजख में भी स्थान नहीं दे जो गिरफ्तारी के बाद हंसते हुए पुलिस कस्टडी में दिखाई दे रहे थे।

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