पिछोर। लोककला भारतीय जनमानस में मनोरंजन के साथ -साथ शिक्षा के प्रचार प्रसार का सशक्त माध्यम रही है।मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा लोककलाओं को राज्य स्तर पर मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय लोकोत्सव का आयोजन प्रदेश के विभिन्न अंचलों में किया जाता है।
शिवपुरी जिले के पिछोर जनपद में दो दिवसीय लोकोत्सव का आयोजन 02 व 03 मार्च को किया गया। इस लोकोत्सव में मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थानों से अधिक शासकीय कलापथक दल एवं अशासकीय कलामंडलियां सहभागिता करने उपस्थित हुए हैं। इनमें कलाकारों की संख्या 300 के लगभग है। सभी सम्भागों से शासकीय कला पथक दल के कलाकार यहां आये हैं। इसके साथ ही राज्य स्तरीय कोरल समूह भी अपनी उद्देश्य पूर्ण प्रस्तुतियां दे रहा है।
आयोजन के प्रथम दिन मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने लोकोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया। झमाझम बारिश भी कलाकरों के उत्साह में कोई कमी नहीं ला सकी। बरसते पानी में भी कलाकार पूरे उत्साह और उमंग से अपनी प्रस्तुतियां देते रहे।
इस राज्य स्तरीय लोकोत्सव में शाजापुर से मालवी लोकगीत कबीर गायक श्री बाबछलाल धोलपुरे, दमोह डॉ कठिन सत्संग नवयुवक मंडल, रायसेन से लोकरंग नवयुवक मंडल श्री शोभा राम, भोपाल से जन चौपाल कल्याण समाज समिति श्री नवीन नरोलिया, बालाघाट से अशोक मिश्रा की सप्तरंग कलामंडल, सागर से राजेन्द्र दुबे/रजनी दुबे की अशासकीय कला मंडल, डिंडोरी से महेश प्रसाद धुर्वे, छिंदवाड़ा से जनमानस दल, दतिया से दीपशिखा मंच, मुरैना से श्याम संगीत पहाड़ गंज मुरैना, भोपाल से नयी दिशा सांस्कृतिक समाज कल्याण, इंदौर से मयूरी नृत्य कला मंडल के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से उपस्थिति जनमानस को रस से सराबोर किया और नशाबंदी का संदेश प्रदान किया।
लोकोत्सव के दूसरे दिन का शुभारंभ मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक श्री प्रीतम सिंह लोधी विधायक पिछोर द्वारा मां सरस्वती को माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया।
प्रदेश के सभी शासकीय कला पथक दल के कलाकारों ने मंच से अपनी गायन और नाटक की प्रस्तुतियां देकर नशा बंदी और अन्य शासकीय योजनाओं का संदेश दिया।
अशासकीय कलामंडली द्वारा लोकनृत्य,लोकगीतों की प्रस्तुतियां दी गई । शासकीय कलापथक दल उज्जैैन द्वारा नशामुक्त अभियान अंतर्गत नाटक की प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम के संचालन का दायित्व इंदौर के अरुण अपेक्षित (अरुण कुमार सक्सेना) तथा जबलपुर से के एल दीक्षित द्वारा निर्वहन किया गया।

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