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धमाका शेम शेम: नगर के सबसे बड़े मुक्तिधाम में आधी रात को भड़की आग, हजारों क्विंटल लकड़ी सहित कांस के पूले, कंडे जलकर राख

रविवार, 24 मार्च 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। नगर के सबसे बड़े मुक्तिधाम में आधी रात को जोरदार आग भड़की, इस आग में कई क्विंटल लकड़ी जलकर राख हो गई, वहीं कांस के पूले, कंडे जलकर राख हो गए। शिवपुरी शहर के मुक्ति धाम में शनिवार की रात अंत्येष्टि के लिए एकत्रित कर रखी क्विंटलों लकड़ियों में अज्ञात कारणों के चलते आग भड़क गई। आग किन कारणों से लगी इसका पता फिलहाल नहीं लग सका है लेकिन इस घटना में क्विंटलों लकड़ियां जलकर राख हो गईं। सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पा लिया गया है। आगजनि की इस घटना में करीब 1 हजार क्विंटल लकड़ियां, कांस और अन्य सामग्री जलकर खाक हो गई।
इस घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुख प्रकट करते हुए दोषियों पर कारवाई की बात कही हैं। 
मुक्तिधाम की सेवाभावी संस्था मानवता सेवा समिति के सुरेश बंसल ने बताया कि उन्हें सुबह 8 बजे आगजनी की सूचना मिली थी। मौके पर आकर देखा तो लकड़ियों में जबरदस्त आग भड़की हुई थी। शनिवार की रात 11 एक अंतेष्टि हुई थी। तब तक सब ठीक था। रात 1 बजे मुक्ति धाम के पास से आलू खोदने के लिए कुछ मजदूर निकले थे। जिनके द्वारा रात में आगजनी की सूचना दी गई थी। आग किन कारणों से लगी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन आग रात 11 बजे से लेकर 1 बजे के बीच भड़की है।
सूचना के बाद मुक्तिधाम पहुंची नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा, एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने स्थिति का जायजा लिया। उनका कहना है कि यहां नगर पालिका के कर्मचारियों का किस तरह का ड्यूटी चार्ट है उसको देखकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
अब कैसे होगी अंत्येष्टि
बता दें की मानवता संस्था ने इस मुक्तिधाम पर सेवा का जिम्मा कई सालों से ले रखा हैं। बेहद कम दाम पर अंतिम क्रिया का सामान ये संस्था उपलब्ध करवाती हैं। कल्याणी धर्मशाला में रसीद काटने के बाद लोगों को विभिन्न सामग्री उपलब्ध करवाई जाती हैं। जिसमें लकड़ी, कांस, कंडे भी शामिल हैं। जबकि उठावनी के लिए सामान भी मानवता बेहद कम दाम पर सामान देती हैं। अब जबकि हजारों क्विंटल लकड़ी जल गई हैं तो किस तरह अंत्येष्टि होंगी इस पर सवाल खड़े हो गए हैं। 
जब लोग सोते तब करते काम
नगर में सैकड़ों सामाजिक संस्थाएं समझ हित में काम करने का दावा करती हैं लेकिन मानवता जैसी संस्था की बात करें तो कई सालों में इसकी सदस्य संख्या 22 के ऊपर नहीं गई। बल्कि इस संस्था के कुछ सदस्य दिवंगत होने पर संस्था की संख्या सिमट गई। क्योंकि जब दुनिया सोती हैं तब उसके सद्स्य मुक्तिधाम आकर बगीचे को सिंचित करते हैं। टाल का मेंटीनेंस देखते हैं। कहने को नपा के अधीन शिवपुरी का मुक्तिधाम कायदे से मानवता संस्था के हाथों मे सालों से सुरक्षित हैं। जिसके सदस्य अपना नाम और फोटो तक प्रकाशित नहीं करवाते। 
कोरोना में नपा खा गई मानवता की पांच लाख की लकड़ियां !
आपको जानकर हैरत होगी की कोरोना काल में जब सैकड़ों लाश जलाई गई तब तत्कालीन अधिकारियों ने मुक्तिधाम में रखी मानवता की कई क्विंटल लकड़ी ये कहकर उधार ली थी की बाद में भुगतान करवा देंगे लेकिन फिर कई सालों से मानवता उक्त भुगतान मांगती आ रही हैं। इससे पहले ही लड़की कम थीं अब आग लग गई। 
नगर के लोगों को आना  चाहिए आगे
इस अग्नि कांड में लकड़ी की उपलब्धता वैसे तो नपा पूर्ति करवाएगी लेकिन नगर की संस्थाएं भी अगर आगे आकर मदद करें तो बात बन सकती हैं। धमाका की अपील हैं की संस्थाएं आगे आकर मदद करें। 












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