शिवपुरी। शहर से दस किलोमीटर दूर स्थित पिपरसमा मंडी अपनी ही कृषि उपज मंडी के सचिव तो कभी कर्मचारियों को लेकर सुर्खियों में रहती है। यहां मोटी रकम देकर आने वाले अधिकारी अपनी मनमानी करते हैं। नतीजा जिले के किसानों के साथ उन व्यापारियों को भुगतना पड़ता हैं जो शहर से दूरस्थ होते हुए भी फसल खरीदने मंडी पहुंचते हैं। शनिवार को मंडी अधिकारी और
कर्मचारियों ने मंडी में दर्शन नहीं दिए। मंडी के ऑफिस रूम पर लगे थे। मंडी का एक भी कर्मचारी मोजूद नहीं था जबकि मंडी चालू थी और सैकड़ों किसान अपनी मेहनत की उपजाई फसल लेकर मंडी पहुंचे थे। मंडी में किसान परेशान नजर आए जबकि व्यापारी भी फसल क्रय करने के बाद इस परेशानी में था की बिना शुल्क, रसीद कटे वह माल बाहर केसे लेकर जाए। इसका नतीजा ये रहा की मंडी में अफरा तफरी मच गई।
धमाका ने दी एसडीएम को जानकारी
धमाका को जब उक्त बारे में पता लगा तो उसने एसडीएम और मंडी के भार साधक अधिकारी अनूप श्रीवास्तव को जानकारी दी। जिन्होने तत्काल कर्मचारी भिजवाने की बात कही।
सचिव का कोई अता पता नहीं
मंडी सचिव को जब फोन लगाया तो उनसे बात नहीं हो सकी। इधर व्यवसाई और किसानों ने कहा की भोपाल में भेंट चढ़ाकर आने वाले मंडी के सचिव शिवपुरी मंडी को फायदे में ले जाने की बात कभी नहीं सोचते। बल्कि मंडी से बिना टैक्स माल निकलने के गंभीर आरोप कई बार लगते रहते हैं। मंडी का एक लाखों का घोटाला तो लोग आज तक नहीं भूले।

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