
बैंक का ऋण अदा नहीं करने पर न्यायालय ने सुनाई सजा, लगाया प्रतिकार
शिवपुरी। ऋणी अमन अहमद कुरैशी द्वारा सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा शिवपुरी से मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार ऋण योजना के अंतर्गत पोल्ट्री फार्म खोलने हेतु 31 12 23 को डेढ़ लाख रुपए का ऋण प्राप्त किया था बैंक द्वारा बकाया ऋण एवं ब्याज की वसूली बाबत आरोपी से कहा गया तब अमन अहमद कुरैशी ने बैंक को ₹40000 का एक चेक परिवादी बैंक को दिया जिस पर से बैंक ने ऋण खाते में उक्त चेक को जमा किया लेकिन आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने की वजह से आरोपी द्वारा दिया गया चेक पर्याप्त निधि मैं ना होने की वजह से चेक डिशऑनर हो गया परिवादी बैंक द्वारा अपने अभिभाषक मनीष कुमार मित्तल द्वारा मांग सूचना पत्र आरोपी को भेजा गया जो उसे विधिक समय अवधि में प्राप्त हो गया इसके पश्चात भी आरोपी ने बैंक के रुपए अदा नहीं किया मजबूरी बस बैंक द्वारा सन 5 5 2018 को ₹40000 की वसूली हेतु धारा 138 परक्रम लिखित अधिनियम के तहत माननीय जेएमएफसी महोदय नेहा प्रधान के न्यायालय में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया उक्त उक्त प्रकरण में विचारण के दौरान बैंक अभिभाषक केद्वारा परिवादी बैंक की समस्त बिंदुओं पर साक्षी कराई गई प्रकरण में आरोपी द्वारा कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई थी माननीय न्यायालय ने सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए विचरण उपरांत बिचरन एवं साक्ष्यप्रांत आरोपी पर 63000 रुपए के प्रतिकर राशि को अदा किए जाने बाबत आदेश दिया तथा आरोपी को तीन माह के कारावास की सजा सुनाई गई है प्रतिकार की राशि अदा न करने की स्थिति में आरोपी को प्रथक से तीन माह का कारावास और भोक्ताई जाने बाबत आदेश दिया गया है प्रतिकर की राशि 63000 आरोपी से परिवादी बैंक को दिलाए जाने का आदेश दिया गया है उक्त प्रकरण में बर्बादी बैंक की ओर से पैरवी सीनियर अभिभाषक मनीष कुमार मित्तल द्वारा की गई थी।

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