हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं और समाज के विकास में योगदान दे रही हैं: डॉक्टर एम के भार्गव केवीके
शिवपुरी। हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं और समाज के विकास में योगदान दे रही हैं।हालांकि आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान सम्मान और अवसर नहीं मिलते। इसकी एक वजह महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में पता न होना है। एक ही क्षेत्र में एक समान काम करने वाले पुरुष की आय महिला से अधिक होती है।ऐसे ही कई अन्य मामलों में भी अधिकारों की जानकारी न होने से महिलाएं समान अवसर से दूर रह जाती हैं। महिलाओं की भागीदारी को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने और महिलाओं को उनके अधिकारों केबारे में जागरूक करने के लिए हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। महिला दिवस के मौके पर
दुनियाभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इसी को लेकर आज शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन, महीला बालविकास विभाग एवम केवीके के साथ संयुक्त रूप से महिलाओ को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए फतेहपुर स्कूल परिसर शिवपुरी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। अधिक जानकारी देते हुए रवि गोयल ने कहा की इसका उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना, समाज में पुरुषों के बराबर सम्मान, कार्य के समान अवसर प्रदान करना है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संस्था हर वर्ष जागरूकता प्रोग्राम करती है क्यूंकि हर दिन नारी के सम्मान में बनाना है वो हरे सुरक्षित एवम खुशहाल महिलाओ के लिए ऐसा समाज बनाना है जिससे की हर नारी सशक्त हो स्वस्थ हो सक्षम हो। मुख्य अतिथि महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ देवेंद्र सुंदरियाल ने कहा की अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। हर साल 8 मार्च को महिलाओं को सशक्त बनाने वाले इस दिन को विश्व स्तर पर मनाते हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1909 में हुई थी दरअसल, 1908 में अमेरिका में मजदूर आंदोलन हुआ था। इस मजदूर आंदोलन में करीब 15 हजार महिलाएं शामिल हुई, जो न्यूयाॅर्क की सड़कों पर अपने अधिकारों की मांग करते हुए उतरी। उन्होंने कहा महिलाएं राष्ट्र और समाज में पुरुषों जितनी ही सक्षम हैं। प्रोग्राम में केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर एम के भार्गव ने कहा की महिला दिवस 8 मार्च को मनाने की एक खास वजह है। अमेरिका में कामकाजी महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन करते हुए मार्च निकाला था। जिसके बाद सोशलिस्ट पार्टी ने इस दिन महिला दिवस मनाने का एलान किया। बाद में 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल किया। ये देख यूरोप की महिलाओं ने भी कुछ दिन बाद 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स का समर्थन करते हुए रैलियां निकाली। इस कारण 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हो गई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी। उन्होंने महिलाओ को जैविक खेती करने के बारे में भी बताया। प्रोग्राम में महिला सामाजिक कार्यकर्ता जादौन ने कहा की महिलाओ को आज आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए संस्था द्वारा सहजन की चाय , बाजरा का दलिया, हवन की लकड़ी एवम अन्य उपयोगी हाथ से बने थैले कपड़े के उनकी प्रदर्शनी लगाई गई जिसमे की मोरिंगा टी के बेग को उत्तम स्वास्थ को देखते हुए काफी डिमांड देखी गई बीएनएफ सुपोषण सखियो ने ये मोरिंगा टी बैग खुद तैयार किए है प्रोग्राम में सुपोषण सखी नर्मदा शाक्य ने कहा की जन्म देती है तुम्हें, तुम्हें हर बला से बचाती है.
जो तुम्हारी लंबी उम्र के लिए सजदे करती है, वह नारी कहलाती है इसीलिए नारी शक्ति हमेशा शक्ति शाली है एवम रहेगी। प्रोग्राम का सफल संचालन श्रीमती हेमलता चौधरी द्वारा किया गया कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी अतिथियों को पौधा देकर उनका स्वागत किया। प्रोग्राम में एक सेकड़ा महिलाओ के साथ सुपोषण सखी, न्यूट्रीशन चैंपियन , शक्ति शाली महिला संगठन की पूरी टीम ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया एवम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।

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