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धमाका बड़ी खबर : अब लोकसभा प्रत्याशी द ग्रेट सिंधिया ने कहा, रिश्ते में मेरी बुआ लगती हैं उमा भारती, 'राजमाता ने माना था बेटी, महल में हुई परवरिश', इधर उमा ने भी खुद कहा था सिंधिया को भतीजा

शनिवार, 16 मार्च 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना लोकसभा सीट से प्रत्याशी हैं। इस दौरान प्रचार शुरू हो चुका हैं, केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने एक सभा में कहा की उमा भारती उनकी बुआ हैं। दरअसल लोकसभा में आने वाले शिवपुरी जिले के खनियांधाना और पिछोर में अपने दौरे के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व सीएम उमा भारती को अपनी बुआ बताया। सिंधिया ने मंच से कहा कि उमा भारती उनकी बुआ हैं और उनका आशीर्वाद और स्नेह मुझे हमेशा मिलता रहा है।
बेटी की तरह आजी अम्मा करती थीं प्यार, दुलार
मंत्री सिंधिया ने मंच से कहा कि उनकी आजी अम्मा राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने उमा भारती को बेटी की तरह प्यार दुलार देकर उनका पालन पोषण महल में किया। बाद में वह मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी और केंद्र में मंत्री भी बनी। मैं अपना सौभाग्य मानता हूं कि उनका प्यार और दुलार मुझे मिला। इस तरह से रिश्ते में वह मेरी बुआ हुई तो मैं उनका भतीजा हुआ। शिवपुरी जिले के पिछोर-खनियांधाना में अपने दौरे के दौरान श्री सिंधिया ने कई कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरे के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस लोधी बाहुल्य क्षेत्र में उमा भारती की जमकर तारीफ भी की।
उमा भी दर्शाती रही हैं स्नेह, भतीजा कहा 
बात 22 जुलाई 2020 की है जब कांग्रेस (congress) से दल बदल कर बीजेपी (bjp) में शामिल हुए और फिर राज्यसभा सांसद बने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर मध्‍य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (uma bharti) ने दिलचस्प बात बतायी थी।
इसके पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) जब भोपाल आए थे तो उन्होंने भोपाल में उमा भारती (uma bharti) के बंगले पर जाकर मुलाकात की थी। उमा ने भी मंत्रोच्चार के साथ उनका स्वागत किया था और आशीर्वाद दिया था। जिसके बाद उन्होंने ऐसी बात बताई थी जो
 बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता तो जानते थे, लेकिन आम जनता और बीजेपी के कार्यकर्ताओं से यह अब तक छुपा हुआ था। तब न्यूज़ 18 को दिए एक खास इंटरव्यू में उमा भारती ने यह खुलासा किया था कि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस में रहने के दौरान उनके खिलाफ कभी प्रचार नहीं किया। यह बात उन्होंने अपनी पार्टी से भी साफ कह रखी थी। उमा का तर्क यह है कि जब वसुंधरा और यशोधरा राजे ज्योतिरादित्य की बुआ हैं और वह उनके खिलाफ प्रचार नहीं करतीं तो मैं भी ज्योतिरादित्य की बुआ हुई। लिहाजा मैं भी ज्योतिरादित्य के खिलाफ कभी चुनाव प्रचार नहीं करूंगी। उमा भारती ने यह भी कहा है कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया का बीजेपी और जनसंघ से जो नाता था, उसे देखकर तो यह लगता था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में ही होना चाहिए था लेकिन, किसी कारण से वह कांग्रेस में थे तो यह उनकी मर्जी थी। अब जबकि वह बीजेपी में आ गए हैं तो इससे बेहतर और कुछ नहीं है। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बेहद सरल और सौम्य स्वभाव का बताया था। 
संसदीय क्षेत्र में दो लाख से ज्यादा लोधी
गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी है। कारण यह है कि उन्हें वर्ष 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर इस लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा लेकिन इस बार ज्योतिरादित्य हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं। पिछोर खनियांधाना के अपने दौरे के दौरान ज्योतिरादित्य की लोधी वोट बैंक पर नजर है। इसकी वजह यह है कि शिवपुरी जिले की तीन विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोधी वोट है। इसके अलावा पूरे संसदीय क्षेत्र में देखा जाए तो 2 लाख से अधिक लोधी वोट है और उमा भारती की तारीफ करके सिंधिया ने इस लोधी वोट बैंक पर भी अपनी नजरें लगाई हैं। जिससे उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान इस लोधी समाज का अच्छा खासा समर्थन मिल सके।
जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं लोधी
गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में लोधी समाज को बड़ा वोट बैंक माना जाता है। पूरे संसदीय क्षेत्र को देखा जाए तो संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्र में से 6 विधानसभा सीटों पर करीब 2 लाख लोधी हैं। इसलिए पूरे संसदीय क्षेत्र में जीत-हार में लोधी महत्वपूर्ण फैक्टर रहेगा। इसमें शिवपुरी विधानसभा, पिछोर विधानसभा क्षेत्र, कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अलावा अशोकनगर, मुंगावली, चंदेरी विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में लोधी हैं। इसके अलावा लोधी समाज के प्रीतम लोधी अभी हाल ही में पिछोर विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। इस विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में लोधी हैं और 30 साल बाद इस विधानसभा सीट को भाजपा जीतने में कामयाब रही है क्योंकि 30 साल से यहां पर कांग्रेस के केपी सिंह लगातार विधायक बनते आ रहे थे। इस लोधी बाहुल्य सीट पर पहली बार भाजपा 30 साल में जीत पाई है।











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