शिवपुरी/पिछोर। आज की दुनिया में रिश्ते नाते भले ही बेमानी हो चले लेकिन कुछ दशक पहले तक ऐसा नहीं था। रिश्तों में गहराई होती थी वो भी इतनी की सदियों तक उन रिश्तों को निभाया जाता था फिर भले ही वे खून के रिश्ते न भी हों तब भी। जी हां, हम बात कर रहे हैं फायर ब्रांड बीजेपी नेत्री उमा भारती (Uma Bharti) की। जिन्हें खरा और सच बोलने की आदत हैं फिर चाहे नुकसान ही क्यों न उठाना पड़ जाए। खेर यहां बात सच झूठ की नहीं बल्कि संबंधों की हो रही हैं जो उनके और सिंधिया परिवार के बीच सालों से चले आ रहे हैं। इसकी बानगी समय समय पर देखने को मिलती रही हैं। जब द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कांग्रेस में कील ठोकी और बीजेपी का दामन थामा फिर भोपाल में उमा भारती जी के बंगले पर मिलने पहुंचे तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा था। उन्होंने कहा था मेरी दिल की हसरत पूरी हो गई और फिर राजमाता विजया राजे सिंधिया जी से रिश्ते, पार्टी को लेकर तमाम बातें की थी। इधर बीते दिनों द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना शिवपुरी लोकसभा से चुनाव मैदान में उतरने के बाद शिवपुरी जिले की लोधी बाहुल्य सीट पिछोर में उमा भारती को अपनी बुआ कहा था और खुलकर पूरी बात बताई थी। अब एक बार फिर आज बुआ उमा भारती और भतीजे द ग्रेट सिंधिया चर्चा में आ गए जब सुबह उमा भारती ने सोशल प्लेटफार्म पर लिखा की।
इस तरह पढ़िए
1. मेरे अति प्रिय ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने गुना-शिवपुरी लोकसभा के चुनाव में एक सभा में भाषण देते हुए मेरी एवं अपनी दादी के संबंधों का जिक्र किया है।
2. ज्योतिरादित्य की दादी और मेरी अम्मा ने मुझे 8 साल की उम्र में दमोह मध्य प्रदेश में प्रवचन करते हुए सुना और फिर तो उनके जीवन की अंतिम सांस तक मेरे और उनके संबंधों की अटूट डोर बंधी रही। मैं सच में उनकी पांचवी और सबसे प्रिय बेटी हो गई थी।
3. चिरंजीवी ज्योतिरादित्य जी के साथ मेरा संबंध बहुत गहरा, आत्मीयता का एवं सम्मान का है, मेरा आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहता है। अम्मा ने ही कांग्रेस को ध्वस्त करके जनसंघ और फिर भाजपा को मध्य प्रदेश में मजबूती से जमाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
4. मेरी हमेशा से इच्छा थी कि ज्योतिरादित्य जी भाजपा में आ जायें, मेरी वह इच्छा पूरी हो चुकी है। मेरा आशीर्वाद उनके साथ है तथा उनका भविष्य उज्जवल है।

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