शहर के इन प्राचीन मंदिरों पर उमड़ेगा सैलाब
सबसे ज्यादा भीड़ श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर, बांकडे हनुमान मंदिर, चिंताहरण सरकार मंदिर, खेड़ा पति हनुमान मंदिर, माधव चोक हनुमान मंदिर, नवग्रह हनुमान मंदिर, खड़े हनुमान मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, ठंडी सड़क हनुमान मंदिर और शहर व ग्रामीण इलाकों के खुबत घाटी हनुमान, छ्बीले हनुमान, साकड़े हनुमान आदि प्राचीन मंदिरों पर रहेगी।
ये भी जानिए
मंगलवार 23 अप्रैल को श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का प्रकट उत्सव मनाया जाएगा। त्रेतायुग में चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जी का अवतार हुआ था। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा करना चाहिए। हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
ये करने से होगा फायदा
श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पुजारी अरुण शर्मा के मुताबिक, हनुमान जी की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं।
- सबसे पहले गणेश जी फिर श्रीराम और सीता की इसके बाद हनुमान जी की पूजा करें।
- हनुमान जी को चोला चढ़ाते समय चमेली के तेल में मिला हुआ सिंदूर लगाना चाहिए।
- पूजा में दीपक जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना श्रेष्ठ उपाय है।
- सुबह हनुमान जी को प्रसाद में गुड़, नारियल, लड्डू चढ़ाया जाना चाहिए।
दोपहर में गुड़, घी, गेहूं के * आटे की रोटी का चूरमा अर्पित किया जा सकता है। शाम को फल का भोग लगाना चाहिए। - हनुमान जी की पूजा करने वाले को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। शरीर और मन साफ रखें।
- भोग लगाने के बाद अन्य भक्त को प्रसाद वितरित करके स्वयं भी प्रसाद लें। - भगवान को लाल या पीले रंग के फूल अर्पित करें।
- हनुमान जी को केसर मिश्रित लाल चंदन का तिलक लगाना चाहिए। - ओम रामदूताय नमः मंत्र का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए। आप चाहें तो राम या सीताराम नाम का जप भी कर सकते हैं। कि
- हनुमान जी की तीन परिक्रमा करने का विधान है। पूजा में हनुमान जी की तीन परिक्रमा ही करें। हनुमान जी के मंदिर में नए ध्वज का दान जरूर करें।
मंशापूर्ण मंदिर पर होगा अटूट भंडारा
प्राचीन मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर हर साल की तरह अटूट भंडारा प्रसादी वितरण किया जायेगा।
सुबह से देर रात तक राजश्री गुटखा वालों की तरफ से भंडारा आयोजित होगा।
गुप्ता टाइल्स एंड मार्बल ने लगवाई टीन शेड
शहर की ख्यातिनाम फर्म गुप्ता टाइल्स के संचालक अशोक गुप्ता जी ने मंशापूर्ण का
प्रमुख द्वार नए स्वरूप में तैयार करवाकर
अपने पूर्वजों की स्मृति में स्टील के गेट लगाए हैं वहीं धूप में भक्तों
को पैर न जलें बारिश में मंदिर गीला नहीं हो इसलिए ऊपर विशाल टीन शेड का निर्माण करवाया हैं।
बाकड़े मंदिर जाएं तो याद रखे
बाकडे मंदिर पर हर साल की तरफ आप मुख्य द्वार से दर्शन के लिए वाहन ले जा सकेंगे लेकिन वापसी कोटा भगोरा होकर होगी। ट्रैफिक इंचार्ज धनजय शर्मा ने ये जानकारी दी। भारी वाहन कल इस रूट पर नहीं चलेंगे।

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