धोखाधड़ी, नकली उपायुक्त बनकर फर्ज़ी प्रशिक्षण पत्र, फर्जी नियुक्ति पत्र और फर्जी पत्र लिखकर कर दिया बर्खास्त
शिवपुरी। जिले के पोहरी थाना अंतर्गत एक रोचक मामला सामने आया है जिसमें आरोपी ने स्वयं को महिला बाल विकास विभाग (डबल्यूसीडी) भोपाल में उपायुक्त बताते हुए नौकरी लगवाने के नाम पर 9 लोगों से 9 लाख रुपये ठग लिए । इस पूरे समाचार में रोचक बात यह है कि इस फर्जी उपायुक्त के द्वारा फर्जी प्रशिक्षण पत्र, फर्जी नियुक्ति और फर्जी लेटर पर बर्खास्त भी कर दिया गया। जबकि बताया गया है कि आरोपी द्वारा यह पैसे लौटाने के नाम पर लिए थे लेकिन जब नौकरी नही लगी और पैसे लौटाने की बात कही तो वह उल्टी धमकी देने लगा तब जाकर इन सभी ने शिवपुरी पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ की शरण ली और उनके आदेश पर कायमी हो सकी । जानकारी के अनुसार घटना क्रम कुछ इस तरह है, पोहरी थाना क्षेत्र के नानौरा गांव निवासी दीपक (28) पुत्र सुरेश जाटव ने रिपोर्ट के दौरान पुलिस को बताया कि उसकी मुलाकात सितंबर 2023 में गोवर्धन थाना क्षेत्र के गाजीगढ़ गांव निवासी पुरुषोत्तम उर्फ गोलू पुत्र रामलखन शर्मा से हुई थी। पुरूषोत्तम शर्मा ने खुद को महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल में उपायुक्त होना बताया था। इसके बाद पुरुषोत्तम ने महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला व ब्लॉक समन्वयक में जगह खाली होने की बात बोलकर उन पदों पर नौकरी लगवाने की बात कही। इस पर दीपक ने भटनावर निवासी जीजा अनुज जाटव को ब्लॉक व खुद को जिला समन्वयक बनाने के लिए पैसों की व्यवस्था करके दी। उसके बाद तो पुरुषोत्तम के हौसले बुलंद हो गए और उसने फिर कहा कि उनके विभाग में तीन जिला समन्वयक तीन ब्लॉक समन्वयक और तीन ड्राइवर की पोस्ट खाली हैं। पुरुषोत्तम की बात सुनकर दीपक ने फिर अपने और भी रिश्तेदारों को फोन लगाए जिसमें से यह लोग तैयार हो गए, गोपी जाटव निवासी सतनवाडा, मनोज जाटव निवासी देवरीखुर्द, राजकुमारी जाटव निवासी भटनावर, मातादीन जाटव निवासी नानौरा, बंटी जाटव निवासी खरई डावर, रूस्तम जाटव निवासी देवरीखुर्द व दीपक जाटव निवासी देवरीखुर्द इन सभी ने मिलकर करीब 9 लाख 36 हजार रुपए ऑनलाइन पुरूषोत्तम को दे दिए।बाद में जब कहीं कोई नौकरी नही लगी तो हम लोगों ने पुरुषोत्तम से पैसा वापस करने की बात कही। अब वह पैसा देने तैयार नही है। पुलिस ने इस मामले में पुरूषोत्तम शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आगे की विवेचना शुरू कर दी है।
*अकेले दीपक से ही ऑनलाइन लेता था पैसे
दीपक ने बताया कि पुरुषोत्तम शर्मा के द्वारा उससे कहा गया कि मैं वरिष्ठ अधिकारी हूं और सभी से बात नहीं कर सकता, इसलिए आप ही मुझसे बात किया करो और आप ही पैसों का लेनदेन किया करो और उसके बाद दीपक सभी से पैसे लेता चला और पुरुषोत्तम के खाते में जमा करता रहा। और दीपक ने यह सभी ट्रांजैक्शन पुलिस को भी बताएं हैं जिसमें उसने अपने रिश्तेदारों से पैसा लिया और उसी दिन तत्काल पुरुषोत्तम के खाते में जमा कराए। दीपक का कहना है कि इसमें किसी के पास पैसे कम होते तो तो मैं मिला देता था और अब मैं खुद ही एक-एक पैसे को मोहताज हूं क्योंकि हम सभी के द्वारा पैसा पूरा बाजार से उधार उठाया है।
*भोपाल में प्रशिक्षण स्थल ना मिलने पर हुआ था शक
इस संबंध में दीपक का कहना है कि हमें पहली बार शक भोपाल में हुआ जब इनके द्वारा जो हमें प्रशिक्षण पत्र दिए गए थे उसे पते पर इस तरह का कोई भी स्थल नहीं था और जब हमने भोपाल से पुरुषोत्तम को फोन लगाया तो उसने कहा कि तुम्हारा प्रशिक्षण अभी बढ़ा दिया गया है अब प्रशिक्षण 24, 25 मार्च को होगा, लेकिन जब हमने उससे स्थान के बारे में पूछा तो उसने उसे बात को बड़े आराम से टाल दिया बस वहीं से हमारा शक प्रारंभ हुआ जो गहरा होता चला गया। दीपक ने बताया कि पुरुषोत्तम के द्वारा जीमेल पर भेजे गए कई तरह के मैसेज भी सुरक्षित है जिसमें कई तरह के कूटनीतिक दस्तावेज भी भेजे गए हैं यह मेसेज डबल्यूसीडी भोपाल के नाम से एक फर्जी जीमेल आईडी से भेजे गए थे।

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