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शिवपुरी में भक्ति भाव से मनाया गया प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान जी का जन्म एवं तप कल्याणक

बुधवार, 3 अप्रैल 2024

/ by Vipin Shukla Mama
*विश्व जैन संगठन एवं सकल जैन समाज द्वारा शिवपुरी में भक्ति भाव से मनाया गया प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान जी का जन्म एवं तप कल्याणक साथ ही भगवान भरत जी का जन्म दिवस
 महेन्द्र जैन भैयन की रिपोर्ट
शिवपुरी। आज से लाखों वर्ष पूर्व अयोध्या नगर में जन्म लेकर इच्छाकु वंश की स्थापना करने वाले प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव श्री 1008  आदिनाथ भगवान जी जिनको श्री ऋषभ देव जी भी कहा जाता है उनका जन्म कल्याणक  एवं तप कल्याणक महोत्सव पूरे भारत के साथ शिवपुरी में भी विश्व जैन संगठन एवं सकल जैन समाज शिवपुरी द्वारा मनाया गया। 
सकल जैन समाज महापंचायत समिति शिवपुरी के अध्यक्ष दिनेश जैन  एवं कार्यअध्यक्ष महेंद्र जैन भैयन ने बताया कि वर्तमान चौबीसी के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव जी का जन्म  आज से लाखों वर्ष पूर्व अयोध्या नगरी में हुआ था उनके पिता का नाम श्री नाभिराय जी एवं माता का नाम मरु देवी जी थाराजा ऋषभ देव जी ने लाखों वर्ष तक अयोध्या नगरी में राज्य किया। इसके उपरांत एक दिन नीलांजना नाम की नृत्यांगना का नृत्य देखते हुए उसकी मृत्यु हो गई इसी कारण से राजा ऋषभदेव जी को वैराग्य हो गया था और उन्होंने चैत्र कृष्ण नवमी को अपने राज पाठ को ज्येष्ठ पुत्र भरत एवं द्वितीय पुत्र बाहुबली को देकर के 1000 राजाओं के साथ दीक्षा ले ली थी उन्होंने दीक्षा के उपरांत छ माह तक कठोर साधना की इसके उपरांत 6 माह तक उन्होंने मुनि परंपरा चलाने के लिए आहार के लिए विहार किया और एक वर्ष 18 दिन के उपरांत हसितनापुर के राजा श्रेयांस एवं सोम के यहां पर उनका आहार हुआ।इसके उपरांत उन्होंने अनेक वर्षों तक तपस्या करके जैन धर्म का प्रचार प्रसार किया और प्राणियों को कल्याण का मार्ग बताया। अंत में आयु कर्म पूर्ण जानकर उन्होंने कैलाश पर्वत से माघ कृष्ण चतुर्दशी को मोक्ष प्राप्त किया। उनके दोनों पुत्रों ने भी अनेक वर्षों तक राज्य किया अयोध्या के राजा भरत जी ने भी राज्य करने के उपरांत दीक्षा ले ली भरत जी का जन्म भी चैत्र कृष्ण नवमी को ही हुआ था भरत जी को भगवान आदिनाथ जी ने अयोध्या का राज्य दिया था और द्वितीय पुत्र बाहुबली जी को पोदननपुर का राज दिया था दोनों पुत्रों ने भी अपने पिता का अनुसरण करते हुऎ अपने अंत समय से पूर्व ही दिगंबर दीक्षा ले ली थी और पिता की तरह कठोर तप करके निर्वाण को प्राप्त किया। श्री आदिनाथ भगवान के ज्येष्ठ पुत्र श्री भरत के नाम पर ही हमारे देश का नाम भारत पढ़ा था। 
संपूर्ण भारत के साथ-साथ शिवपुरी में भी भगवान श्री आदिनाथ जी का जन्म एवं तप कल्याणक  विश्व जैन संगठन एवं सकल जैन समाज शिवपुरी द्वारा अत्यधिक धूमधाम एवं भक्ति भाव से  मनाया गया मुख्य कार्यक्रम श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर छत्री रोड शिवपुरी पर हुआ जहां पर प्रातः काल भगवान का अभिषेक पूजन एवं विधान आदि करके भगवान की भक्ति की गई इसके साथ ही मरू देवी महिला मंडल के द्वारा भगवान का पालना झुलाने का कार्यक्रम किया गया और दोपहर में सभी जनालयों में महिला मंडलों के द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन किया गया रात्रि काल में सोनू जैन एंड पार्टी आगरा द्वारा श्री आदिनाथ जनालय शिवपुरी में आरती एवं भजन संध्या का कार्यक्रम रखा गया साथ ही श्री मरूदेवी महिला मंडल द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में केंद्रिय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरा दित्य सिंधीया जी मुख्य अतिथि के रूप में अपस्थित हुऎ उनके द्वारा भी सकल जैन समाज शिवपुरी को श्री आदिनाथ भगवान जी के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव की शुभकामनाएं प्रदान की गई।











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