भोपाल/ग्वालियर | पंजीयन विभाग ने 31 मार्च की देर रात नए निर्देश जारी कर एक अप्रैल से नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू करने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। दरअसल, आदर्श आचार संहिता के कारण यह अभी लागू नहीं हो सकती। ऐसे में नई दरें लागू करने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति जरूरी है। ऐसे में पंजीयन विभाग ने अब सोमवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर नए सिरे से इसे लागू करने की अनुमति मांगी है। अभी पुरानी दरों पर ही रजिस्ट्री की जाएंगी। हालांकि, एक और दो अप्रैल को नियमानुसार पंजीयन कार्यालय सॉफ्टवेयर के अपडेट होने के चलते बंद रहते हैं। रजिस्ट्री का काम 3 अप्रैल से ही शुरू हो पाएगा। इधर, एक्सपर्ट का कहना है कि कलेक्टर गाइडलाइन पहले से नियमानुसार प्रक्रिया का हिस्सा है, ऐसे में चुनाव की अनुमति जरूरी नहीं है। बता दें कि 11 मार्च को कलेक्टर गाइडलाइन तय कर दी गईं थी। राजस्व बढ़ाने के लिए सभी पंजीयन दफ्तरों में रजिस्ट्री कराने के स्लॉट बढ़ाए गए।
एक्सपर्ट बोले- आचार संहिता के पहले ही बन गई थी गाइडलाइन, मंजूरी लेना जरूरी नहींः आचार संहिता 16 मार्च से लगी है। इससे पहले 11 मार्च को केंद्रीय मूल्यांकन समिति ने नई कलेक्टर गाइडलाइन की दरें तय कर ली थीं। जानकारों का मानना है कि आचार संहिता के पहले ही प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, ऐसे में इसकी दोबारा से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। दूसरी बात कि यह कोई योजना से जुड़ा मामला नहीं है। पूर्व ज्वाइंट सीईओ एसएस बघेल के अनुसार, अगर आचार संहिता लगने के पहले कोई निर्णय लेकर उसे जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, तो अलग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

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