शिवपुरी। एक समय मिनी शिमला कही जाने वाली शिवपुरी में पंखे तक की आवश्यकता नहीं होती थी। दुनिया का तापमान भले ही कुछ रहे लेकिन सिंधिया राजवंश की ग्रीष्म कालीन राजधानी रही शिवपुरी में तापमान लक्ष्मण रेखा पार नहीं करता था। आज भी आप पुराना साहित्य देखेंगे तो लिखा हुआ हैं की चारों ओर हरियाली से आच्छादित शिवपुरी, लेकिन समय के साथ हमने उपलब्ध हरियाली को नष्ट हो जाने दिया और आज नतीजा तापमान @46 पर आ खड़ा हुआ हैं। ये देखकर लोग जागरूक हों इसके लिए पौधे लगाओ के नारे बुलंद किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ जिन कंधों पर जिले में बेहतर कृषि की पैदावार करवाने का जिम्मा हैं उन्ही अधिकारियों ने एक दो नहीं बल्कि 40 पेड़ एक झटके में कटवा डाले। प्राचार्य कृषि एवम विस्तार प्रशिक्षण केंद्र परिसर में ये पेड़ आने वाले कल मेंहरियाली के वाहक बनते लेकिन बिना अनुमति लिए इन पेड़ों को जमीन से अलग कर दिया गया। जरा सोचिए आज एक पौधा लगाना कितना मुश्किल हैं लेकिन इन्होंने चालीस पेड़ों को कटवा डाला। जिनमे आम, नीम, जामुन आदि के पेड़ शामिल हैं।हुई शिकायत तो गाज गिराई गरीब प्यून पर
जब आसपास के सजग लोगों ने इस बात की शिकायत 108 हेल्पलाइन, नपा और जागरूक कलेक्टर से की तो हड़बड़ाहट में कृषि अधिकारियों ने प्यून को निलंबित कर दिया जबकि जिन अधिकारियों के हुक्म की उसने तामिल की उन पर कोई कारवाई नहीं हुई।
आखिर क्यों अधिकारियों को बख्शा गया?
अब आखरी उम्मीद कलेक्टर रवींद्र कुमार से हैं जो दोषी अधिकारियों पर कारवाई को अमल में ला सकते हैं।
नपा ट्रॉली में रख लाई पेड़ो के अवशेष
नपा की भारी भरकम फौज को समय रहते कोई सूचना नहीं मिलती लेकिन जब काम तमाम हो जाता हैं तो फोज मौके पर जाकर अवशेष समेट लाती हैं।

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