कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। जस्टिस खन्ना ने कहा, 'ईडी ने अगस्त 2022 में केस दर्ज किया था। उन्हें (केजरीवाल) मार्च 2024 में गिरफ्तार किया गया। वह डेढ़ साल तक वहां रहे। गिरफ्तारी बाद में या पहले हो सकती थी। तब, 21 दिन इधर या उधर, कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।' ईडी ने चुनाव प्रचार के आधार पर केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कोर्ट में कहा कि ऐसा कोई पूर्व उदाहरण नहीं है।
ऑफिस नहीं जा सकते, न किसी फाइल पर करेंगे साइन, अरविंद केजरीवाल को इन शर्तों के साथ मिली अंतरिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने 50,000 रुपए के मुचलके पर केजरीवाल को जमानत दी है। तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए 50,000 रुपए की जमानत राशि जमा करनी थी और इतनी ही राशि का मुचलका यानि बॉन्ड भी भरना था। साथ ही उनके के सामने कई शर्तें भी रखी गई हैं, जैसे कि वो बेल पर बाहर रहने के दौरान CMO या सचिवालय नहीं जा सकते हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया कि वो आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में सार्वजनिक तौर पर कोई बयान भी नहीं दे सकते हैं।

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