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धमाका बड़ी खबर: #शिवपुरी से #केदारनाथ #यात्रा पर गए #श्रद्धालु_की_मौत, फिसला पैर

बुधवार, 22 मई 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। जिले के कोलारस क्षेत्र से केदारनाथ-बद्रीनाथ यात्रा पर गए एक श्रद्धालु की मौत हो गई हैं। आज बुधवार को मृतक का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। इसके बाद श्रद्धालु का शव शिवपुरी के लिए रवाना किया जाएगा। जहां गुरुवार को शव गृहग्राम पहुंचने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक कोलारस तहसील क्षेत्र से करीब 50 लोगों का जत्था 15 मई को केदारनाथ-बद्रीनाथ को रवाना हुआ था। इस जत्थे में बैड़ारी गांव के 56 वर्षीय मज्जू यादव अपनी पत्नी गीता यादव और गांव के दो अन्य दंपति के साथ रवाना हुए थे। जहां मंगलवार को सभी लोग केदारनाथ की चढ़ाई कर रहे थे तभी केदारनाथ मंदिर से तीन किलोमीटर पहले मज्जू यादव का पैर फिसल गया और वो सीढ़ियों से नीचे गिर गए। घटना के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। जहां डॉक्टर ने मज्जू यादव को मृत घोषित कर दिया। मज्जू यादव की मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची परिवार सहित गांव में शोक की लहर फैल गई।
भारी भीड़ से हालात बेकाबू
बता दें की इन दिनों केदारनाथ में हजारों की संख्या में लोग जा पहुंचे हैं जिससे हालात बेकाबू हो गए हैं। सरकारी प्रबंध समय रहते नहीं किए गए अब हालात खराब हुए तो सरकार ने एडवाइजरी जारी की। 
अब गर्भ गृह में दर्शन कर रहे श्रद्धालु
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में दर्शन की व्यवस्था को बदल दिया गया है। तीर्थ-पुरोहितों के भारी विरोध के बाद सरकार और प्रशासन को अपना फैसला बदलना पड़ा। आखिरकार, पुष्कर सिंह धामी सरकार ने सभी श्रद्धालुओं के बाबा केदार के गर्भगृह में जाकर दर्शन करने की अनुमति देने का फैसला लिया है। सरकार की अनुमति के बाद केदारनाथ में मंगलवार से सभी तीर्थयात्रियों को गर्भ गृह में जाकर बाबा केदार के दर्शन का मौका मिलना शुरू हो गया है। सोमवार को केदारनाथ में प्रशासन और बीकेटीसी के अफसरों की तीर्थ-पुरोहितों के साथ हुई वार्ता के बारे में लिया गया। अभी तक यात्रियों की अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए गर्भगृह की जगह सभा मंडप से ही दर्शन कराया जा रहा था। उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को चार धाम यात्रा को लेकर सचिवालय में बैठक की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को वीआईपी दर्शन का विरोध किया गया। वहीं, सभी यात्रियों को समान रूप से गर्भगृह में दर्शन की मंजूरी देने की मांग की गई। इस पर केदारनाथ यात्रा मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह और बीकेटीसी के एक्जीक्यूटिव अफसर आरसी तिवारी ने डीएम से बातचीत के बाद यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के गर्भगृह में जाकर दर्शन कराने का निर्णय लिया। दरअसल, 10 मई को चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद से केदारनाथ में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। केदारनाथ में हर रोज करीब 30 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं। इसको देखते हुए बीकेटीसी और जिला प्रशासन ने गर्भगृह की जगह सभा मंडप से श्रद्धालुओं को दर्शन कराना शुरू कर दिया था। आरसी तिवारी ने कहा कि मंगलवार से सभी यात्रियों को समान मानते हुए गर्भगृह में बाबा केदार का दर्शन कराया जा रहा है।
चार धाम में केवल रजिस्ट्रेशन कराकर आने वालों को ही अनुमति दी जाएगी
सीएम ने कहा की चार धाम में केवल रजिस्ट्रेशन कराकर आने वालों को ही अनुमति दी जाएगी। कई यात्री बिना रजिस्ट्रेशन पहुंच रहे हैं उनको लेकर सीएम ने तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए टूर ऑपरेटर्स को एडवाइजरी जारी करने का निर्देश दिया। सीएम ने कहा कि बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन कराए पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तीर्थयात्रियों को दूसरे तीर्थ या पर्यटन स्थलों से जोड़ा जाए। चार धाम में केवल रजिस्ट्रेशन कराकर आने वालों को ही अनुमति दी जाएगी। सीएम धामी ने पुलिस और पर्यटन विभाग को निर्देश दिया है कि प्रदेश में आने वाले तीर्थयात्रियों को धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों के दर्शन की कार्ययोजना बनाएं।
सीएम ने दिया अहम निर्देश
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक के दौरान चार धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को पूर्ण सम्मान दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आने वाले हर तीर्थयात्री हमारे अतिथि हैं। उनकी सुविधा और सहूलियत को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। चार धाम यात्रा में लगे सुरक्षाकर्मियों को सीएम धामी ने अनुशासन बनाए रखने की नसीहत दी। सभी यात्रियों के साथ समान व्यवहार बनाए रखने की नसीहत दी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तीर्थयात्रियों से अमर्यादित व्यवहार की शिकायत न आए। अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर इस प्रकार के मामले आएं तो उसे गंभीरता से लिया जाए।
50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी 
चारधाम यात्रा के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की भीड़ प्रशासन के लिए लगातार चुनौती बन रही है। भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने 3 बड़े आदेश दिए हैं।
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है कि चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी लगाई गई है। साथ ही VIP दर्शन पर लगी रोक को भी 31 मई तक बढ़ा दिया है। पहले यह रोक 25 मई तक लगाई गई थी।
पहली बार वीआईपी दर्शन पर रोक
केदारनाथ धाम में पहली बार वीआईपी-वीवीआईपी दर्शन पर रोक लगाई है। इससे दर्शन व्यवस्था में काफी सुधार देखा गया। अभी बड़ी संख्या में यात्रियों के केदारनाथ आने से यहां दर्शन व्यवस्था में सुधार करना सरकार, प्रशासन, बीकेटीसी और पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। केदारनाथ में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था प्रोटोकॉल पर होती है। संबंधित वीआईपी का प्रोटोकॉल प्रशासन के साथ ही बीकेटीसी को पहुंचता है। वीआर्इपी के साथ मजिस्ट्रेट या प्रशासन का कोई अधिकारी, पुलिस आदि केदारनाथ पहुंचते हैं। बीकेटीसी की ओर से संबंधित की पूजा पर होने वाले खर्च के रूप में 300 रुपये की पर्ची काट ली जाती है। उन्हें बीकेटीसी कर्मियों की ओर से सामान्य लाइन की जगह सीधे दर्शन कराया जाता है।
पुरोहितों ने दिया था धरना
केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को वीआईपी गेट पर कुछ देर धरना देकर वीआईपी दर्शन का विरोध किया। तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर समिति के विरोध में नारेबाजी की। पुरोहितों का कहना है कि वीआईपी दर्शन पर रोक के बावजूद मंदिर समिति अपने लाभ के चक्कर में शासन के निर्देशों की अवहेलना कर रही है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि वीआईपी दर्शन के कारण लाइन में लगे भक्तों को घंटों तक दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, उमेश पोस्ती का आरोप है कि कुछ दिनों तक वीआईपी दर्शन बंद रहने के बाद मंदिर समिति ने फिर से वीआईपी दर्शन कराना शुरू कर दिया है।
तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि सोमवार को 300 रुपये की पर्ची काटकर भक्त वीआईपी दर्शन कर रहे थे। इसी को देख तीर्थ पुरोहितों ने विरोध में मंदिर के वीआईपी दरवाजे पर धरना दिया और मंदिर प्रशासन के विरोध में नारेबाजी शुरू की। हालांकि, मंगलवार से प्रशासन और सरकार की ओर से व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया।















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