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धमाका न्यूज: देवर्षि नारद जयंती पर पत्रकार व कवि संगोष्ठी सम्पन्न

सोमवार, 27 मई 2024

/ by Vipin Shukla Mama
* नारदजी ने लोककल्याण की पत्रकारिता का निर्वहन किया
करैरा। पत्रकार संघ करैरा के  तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी देवर्षि नारद मुनि जयंती के अवसर पर पत्रकार, साहित्यकार, प्रिंट,एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया सहित साहित्य अनुरागियो की संयुक्त गोष्ठी का आयोजन करैरा नगर में स्थित श्री रामराजा विवाह घर  के सभागार में किया गया।
आयोजन में मंचासीन अतिथियों में मुख्य अतिथि जनपद पंचायत करैरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ब्रह्मेन्द्र गुप्ता,अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश पाठक एवं विशिष्ठ अतिथि साहित्यकार प्रमोद भारती , विभाग के अधिकारी व मुख्य वक्ता नीलेश तिवारी  उपस्थित थे, सर्वप्रथम अतिथियो के द्वारा महर्षि नारदजी के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया, तत्पश्चात अतिथियो का स्वागत पत्रकार हेमंत भार्गव, महेन्द्र मिश्रा व दुर्ग सिंह लोधी ने सॉल श्रीफल भेंट कर किया, अतिथियो का परिचय एवम् मंच संचालन वरिष्ठ पत्रकार युगल किशोर शर्मा ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्रह्मेन्द्र गुप्ता ने महर्षि नारदजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हे सृष्टि का प्रथम पत्रकार बताया , वे तीनो लोक में विचरण करते थे एवं ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के प्रत्यक्ष सम्पर्क में रहते थे, साथ ही  ब्रह्मा जी के वे मानसपुत्र भी माने जाते है, उन्हे सभी वेदों एवं पुराणों का ज्ञान था, जिसके कारण उनके द्वारा सम्पूर्ण सृष्टि में सूचनाओ का आदान-प्रदान किया जाता था, उनके द्वारा लोक कल्यााण हेतु सतत प्रयास किये जाते थे, वर्तमान समय में भी पत्रकारिता के तीन प्रमुख उद्देश्य है, ज्ञान, सूचना एवं मनोरंजन, जिसके माध्यम से पत्रकारिता प्रिन्ट, इलेक्टानिक एवं सोशल मीडिया के स्वरूप में की जाती है, इसलिये पत्रकारो को नारदजी की भॉति पत्रकारिता करना चाहिये उनके हर कार्य में लोक कल्याण, जन कल्याण होना चाहिये। बृजेश पाठक ने कहा कि पत्रकारिता सत्य को उजागर करने वाली एवं निष्पक्ष होनी चाहिये। तथ्यो से पूरी तरह अवगत होने के बाद ही यथा स्वरूप में ही समाचारो का प्रसार होना चाहिये।  उन्होंने अनेक उदाहरणों के माध्यम से पत्रकारिता के इतिहास एवं वर्तमान स्वरूप पर प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि साहित्यकार प्रमोद भारती ने कहा कि - 
तुम अपनी ताकत अजमाओ 
मैं कविता की शक्ति ,
शब्दों में स्पष्ट दिखेगी
व्यक्ति की अभिव्यक्ति ।
यदि गर्दन पर तलवारें हो तो
इंच इंच कट जाऊंगा
पर जब तक घट में प्राण रहेंगे
विरुदावली न गाऊंगा I
साहित्यकार प्रभुदायल शर्मा, राष्ट्रवादी ने कहा कि - 
कलम बिके नहीं 
कलम झुके नहीं 
कलम अड़े नहीं 
निर्भीकता से लिखे 
जो है सही।
पत्रकारिता में सफल होने के लिए इस मूल मंत्र को हमेशा याद रखना चाहिए, क्योंकि पीड़ित जन न्यायालय और पुलिस के साथ ही पत्रकारों की ओर भी बड़ी आशा और उम्मीद से देखता है। क्योंकि पत्रकार प्रजातंत्र के सजग प्रहरी हैं।
गजलकार सुभाष पाठक ' जिया ' कहते हैं कि
भूल मत जाना तुम ज़मीं अपनी
बात करते हुए सितारों की ।
आरियाँ भी चलाये पेड़ों पर
और उम्मीद भी बहारों की।
गीतकार सौरभ तिवारी ' सरस ' ने शानदार गीत प्रस्तुत करते हुए कहा कि - 
अजी खामोश सवालों पे क्यूँ नहीं लिखते
गमों से टूटने वालों पे क्यों नहीं लिखते
भुला के चाँद बहारें खुमार मस्ती को
किसी की भूख निबालों पे क्यों नहीं लिखते ।
इस अवसर पर कार्यक्रम में बड़ी संख्या में करैरा सहित दिनारा, सिरसौद, अमोला सहित ग्रामीण क्षेत्रों से पत्रकार बंधु, पत्र लेखक एवं साहित्य अनुरागी उपस्थित थे।














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