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धमाका अच्छी खबर: देर रात तक जारी रहा श्री सिद्धेश्वर बाणगंगा मेला में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

रविवार, 26 मई 2024

/ by Vipin Shukla Mama
* दिल को छूने वाली कविताओं पर श्रोताओं ने कहा, वाह वाह
शिवपुरी। प्राचीन और ऐतिहासिक श्री सिद्धेश्वर बाणगंगा मेला शिवपुरी में सांस्कृतिक आयोजन के क्रम में रंगमंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन शनिवार को किया गया,जिसमे दूर दराज से आये कवियों ने हर विद्या में कविता पाठ कर श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।सर्वप्रथम ज्ञान की वरदायिनी देवी माँ शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास महाराज, नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा सी आर पी एफ के सहायक कमाण्डेन्ट उमेश शर्मा नपा सहायक यंत्री सचिन चौहान, पार्षद प्रदीप शर्मा, विजय शर्मा, सरपंच भटनावर संजय अवस्थी व उपस्थित कवियों ने कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। मनिका शर्मा ने प्राथमिक संचालन किया। तत्पश्चात शिवपुरी के ओज कवि आशुतोष ओज के सधे हुए संचालन में कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ। जिसमे फालना उदयपुर से आई फिल्मी गीतकार डॉ कविता किरण ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर माँ का आराधन किया।
सौरभ सरस ने , 
शब्दों को विस्तार मिला है कविता से
जीवन को आधार मिला है कविता से
इस दुनिया की धन दौलत से भी बढ़कर
तुम लोगों का प्यार मिला है कविता से प्रस्तुत की।
वाह भई वाह फेम हास्य कवि डालचंद्र मनमौजी ने, 
मैं हु डालचंद्र, पिता का नाम पेड़चंद्र, पेश करता हु आपके समक्ष बंध हास्य रचना प्रस्तुत की।
आष्टा से आये हुए बाबू गीतेश्वर घायल ने 
मैं मधुर गीतों का संगम साथ लाया हूं,जमाने भर के ही ये तराने साथ लाया हूं प्रस्तुत की।
इटावा से आये ओज के सशक्त हस्ताक्षर देवेंद्र आग ने 
अपनी ओजस्वी वाणी से छोड़ा था भले ही राजपाठ राम जी ने किन्तु
हाथों से धनुष और बाण नहीं छोड़े थे 
प्रस्तुत कर सभी का मन मोहा।
इसके बाद टीकमगढ़ से आये हास्य के विस्फोट बाल कवि वेद पस्तोर ने ठेठ बुंदेलखंडी में 
इंग्लिश मिडियम पढ़याई भावी 
निब्बू खो वे आम बतारई !
हाइ-टैक हो गई अब भाबी सुबह सुबह खो शाम वतारई !! सुना कर सभी का दिल जीता।
वाह भई वाह फेम शिवपुरी की श्रृंगार कवयित्री अंजली गुप्ता ने हमारी चाहतों का कुछ अलग अंजाम हो जाये
कि नफ़रत के शहर का अब मुहब्बत नाम हो जाये।
प्रस्तुत की।
प्रदीप अवस्थी ने भरोसा हम नहीं करते किसी बरखा का बादल का।
लहू दे के चमन को खुद ही अपने सींचते हैं हम, प्रस्तुत की।
संचालन कर रहे ओज कवि आशुतोष ओज ने देशधर्म हमको प्यारा हम देश की बाते करते है, यही है केवल धर्म हमारा नही किसी से डरते है, चाहे जितनी विपदा आये रुक जाना है काम नही, भाव भक्ति का लिए ह्रदय में देश पर जीते मरते है, सुना तालिया बटौरी।
अंतराष्ट्रीय कवयित्री कई देशों में हिंदी का परचम फहराने वाली डॉ कविता किरण ने अध्यक्षीय क्रम में जब फूलों में हो जाता है डाली के प्रति आदर कम
गुलशन की आंखों में खटकें जब-जब पतझड़ के मौसम
तब खुलते हैं गांव गली और नगर नगर में खुल जाते है वृद्धाश्रम, सुना सभी के समक्ष महत्वपूर्ण विषय को बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया और सभी को मंत्र मुग्ध किया।
अंत मे सभी कवियों को शॉल व स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका अभिनंदन नपा की और से किया गया। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में श्रोता तन्मयता के साथ कवि सम्मेलन सुनते भी रहे व कवियों का उत्साहवर्धन भी करते रहे। अविस्मरणीय कवि सम्मेलन मेला रंगमंच पर आयोजित हुआ, जिसका संयोजन आशुतोष ओज ने किया। नपाध्यक्ष ने अंत मे सभी का आभार माना, महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास ने सभी को शुभाशीष प्रदान किया। 














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