इनमें लोकेंद्र कुमार धाकड़ की जगह हेमंत सिंह जाट, अविनाश जयंत की जगह सर्वेश कुमार झा, राजेश प्रजापति की जगह उसके भाई नरेश प्रजापति, भूरा रावत की जगह रामवीर सिंह रावत और विकास रावत की जगह हरिओम तोमर ने परीक्षा दी थी। जबकि राधेश्याम यादव के स्थान पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने परीक्षा दी थी।
कोर्ट ने कई गवाह, दस्तावेज और आर्टिकल्स के आधार पर सीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने फैसला सुनाया।

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