प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस साल गंगा दशहरा रविवार, 16 जून को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार राजा भगीरथ की कठोर तपस्या से इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष गंगा दशहरा के दिन चार अत्यंत शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसा पुनीत समय 100 साल बाद आया है। ज्योतिषाचार्य डॉ. विकासदीप शर्मा के अनुसार, गंगा दशहरा पर अत्यंत शुभ हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत योग और रवि योग का भी अद्भुत संगम हो रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान करने या गंगा जल मिश्रित जल से स्नान करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इससे पितर भी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में मां गंगा को मोक्षदायिनी के रूप में कहा गया है। इस दिन गंगा स्नान करने से रोग, दोष आदि से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। ग्रंथों के अनुसार, गंगा नदी भगवान शिव की जटाओं से निकलती हैं, इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है और सुख-समृद्धि आती है। इस दिन पितरों को तर्पण करने से भी लाभ होता है। गंगा पूजा का मुहूर्त सुबह 07:08 से सुबह 10:37 बजे तक है। पूजा मंत्र ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नमः। दशमी तिथि का गोचरकाल पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी 15 जून की मध्य रात्रि के बाद 16 जून को सुबह 02:32 बजे शुरू हो रही है। इसका समापन 17 जून सुबह 04:40 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, गंगा दशहरा 16 जून, रविवार को मनाया जाएगा। हस्त नक्षत्र 15 जून को सुबह 08:14 बजे से 16 जून को सुबह 11:13 बजे तक रहेगा, इसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. जिन्हें पूजा-पाठ के लिए उत्तम माना जाता है।
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