राजस्थान। बाड़मेर के एक शिक्षक भेराराम भाखर पिछले 24 सालों से बंजर इलाके को हरा-भरा बनाने की कोशिश में लगे हैं। बता जाता हैं की अपनी इसी पहल के तहत उन्होंने राजस्थान के कई इलाकों में अब तक चार लाख से ज्यादा पौधे लगाए हैं। सबसे अच्छी बात है कि यह काम भेराराम अपने खुद के खर्चे से करते हैं। इसलिए आज वह अपने इलाके में "पौधे वाले मास्टर भेराराम भाखर" के नाम से मशहूर भी हो चुके हैं। दरअसल, साल 1999 में अपने कॉलेज के दिनों में भेराराम ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गांव के मंदिर में करीब 50 पौधे लगाए थे। इसके बाद उन्हें इतना सुकून मिला कि उन्होंने फैसला किया कि वह यह काम आजीवन जारी रखेंगे। इसके बाद भेराराम साल 2002 में शिक्षक बन गए। उस समय भेराराम ने अपनी पहली तनख्वाह पर्यावरण के लिए खर्च की और ठान लिया कि हर साल अपने एक महीने की तनख्वाह पर्यावरण संरक्षण के लिए खर्च करेंगे। उन्होंने देसी पेड़ों को खरीदकर अपने स्कूल और गांव के सार्वजनिक इलाके में लगाना शुरू किया।
समय के साथ उन्हें अपने जैसे दूसरे पर्यावरण प्रेमियों का साथ मिला और उनके अभियान को भी रफ़्तार मिली।
प्लास्टिक, पशु पक्षियों की भी सोची
भेराराम ने फिर प्लास्टिक के खिलाफ और पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए काम करना शुरू किया। इस तरह आज वह 500 से अधिक वन्य पशु को भी बचा चुके हैं।
अपना पूरा जीवन पर्यावरण के लिए समर्पित करने वाले भेराराम, समाज के सच्चे हीरो हैं और हम सबके लिए प्रेरणा भी। धमाका ने इस स्टोरी को साभार लिया और दिल से शिक्षक भेराराम भाखर को सैल्यूट भी किया, जिन्होंने सोशल मीडिया पर कोरा ज्ञान न देते हुए वास्तव में दवे पांव हरियाली की अलख जगाने की मुहिम जारी रखी है।

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