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चैक बाउंस मामले में आरोपी को 6 माह का सश्रम कारावास व 2 लाख 51 हजार 500 रूपये प्रतिकर से किया दण्डित

शुक्रवार, 7 जून 2024

/ by Vipin Shukla Mama
*प्रतिकर जमा ना करने पर 1 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की दी सजा
शिवपुरी। एक-दूसरे से परिचित होने के कारण उधार लिए ऋण को नहीं चुकाने वाले आरोपी को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रवि कुमार बौरासी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 2 लाख 51 हजार 500 रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई। 
परिवाद के अनुसार परिवादी मनोज कुमार सेन एवं अभियुक्त राधेकिशन रावत पुत्र नारायण सिंह रावत निवासी केटीएम कॉलेज के पीछे, वायपास रोड़, शिवपुरी एक-दूसरे से भलीभांति परिचित थे। परिवादी मनोज कुमार सेन से आरोपी राधेकिशन रावत ने अपनी पारिवारिक एवं आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 1 लाख 50 हजार रूपये की राशि 17.01.2017 को प्राप्त किए थे और उक्त दिनांक को ही उधार ली गई राशि के भुगतान हेतु ओरियन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स शाखा शिवपुरी का 17.06.2017 का चैक भुगतान हेतु प्रदत्त किया था। आरोपी ने कहा था कि उक्त चैक भुगतान हेतु अपने बैंक खाते में जमा कर देना तो आवश्यक रूप से चैक का भुगतान प्राप्त हो जाएगा। परिवादी ने अभियुक्त राधेकिशन रावत के द्वारा भुगतान हेतु प्रदत्त चैक अपनी शाखा भारतीय स्टेट बैंक शाखा माधवचौक शिवपुरी में जमा किया तो आरोपी का चैक अपर्याप्त निधि के साथ बैंक रिटर्न मेमो के साथ वापिस प्राप्त हुआ। उक्त चैक बाउंस हो जाने के बाद चैक राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से 15 दिवस का नोटिस आरोपी राधेकिशन रावत को भेजा गया। आरोपी राधेकिशन रावत ने नोटिस के 15 दिवस बीत जाने के बाद भी उक्त धन राशि परिवादी मनोज कुमार सेन को अदा नहीं की। तब परिवादी मनोज कुमार सेन ने माननीय न्यायालय के समक्ष धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत परिवाद अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की साक्ष्य प्रस्तुत होने के बाद माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रवि कुमार बौरासी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 2 लाख 51 हजार 500 रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।














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